दमोह। बुंदेलखंड की दमोह संसदीय सीट सालों से हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती रही है. भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के कारण यह सीट एक बार फिर हाई प्रोफाइल हो गई है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला है. लेकिन बसपा ने बुंदेली लोकगीत गायक जित्तू खरे को प्रत्याशी बनाकर सीट पर होने वाले मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
दमोह: दमोह लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, आज आएंगें नतीजे - लोकसभा चुनाव 2019
दमोह संसदीय सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. बीजेपी से पूर्व मंत्री प्रहलाद पटेल मैदान में है तो वहीं कांग्रेस से प्रताप लोधी तो वहीं बसपा से जित्तू खरे ने मैदान में उतर कर मुकाबले को कड़ा बना दिया है.
दमोह संसदीय सीट 3 जिलों की 8 विधानसभाओं को मिलाकर बनी है. इस सीट में दमोह जिले की चार विधानसभा आती है. जिनमें दमोह हटा जबेरा और पथरिया शामिल है. वही सागर जिले की देवरी रहली और बंडा विधानसभा दमोह संसदीय सीट में शामिल है. वही छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा भी दमोह संसदीय सीट का अंग है. करीब 17 लाख 68 हजार 171 मतदाताओं वाली सीट पर 65.82% मतदान हुआ था, जिसमें 11 लाख 63 हजार 801 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
दमोह संसदीय सीट का परिणाम गुरुवार को आ रहा है. ऐसे हालात में दमोह संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रहे प्रहलाद पटेल भी अपने बंगले पर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह अपने गांव में लोगों के बीच चुनावी चर्चा में व्यस्त हैं. वहीं बसपा प्रत्याशी जित्तू खरे भी अब अपने बुंदेली लोकगीतों के माध्यम से लोगों को रिझाने में जुटे है. लेकिन 23 को होने वाले चुनाव परिणान आने के बाद ही यह तय हो पाएंगा कि दमोह का ताज किसके सिर पर होगा.