मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

बड़ी देवी के नाम से प्रसिद्ध है यह स्थान, महालक्ष्मी सरस्वती महाकाली की है तीन प्रतिमाएं

बड़ी देवी के नाम से स्थित यह स्थान पूरे जिले के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. बुंदेली में लोग प्यार से बड़ी देवी को बड़ी बऊ के नाम से पुकारते हैं.

विराजमान तीन देवियां

By

Published : Sep 29, 2019, 2:14 AM IST

दमोह। जिला मुख्यालय पर स्थित बड़ी देवी के नाम से प्रसिद्ध देवी मां का मंदिर साल भर ही लोगों की आस्था का केंद्र रहता है. नवरात्र के समय तो यहां पर हजारों की संख्या में भक्तों का आना जाना होता है. 24 घंटे यहां पर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. 9 दिन तक अखंड कीर्तन भी होता है. 200 साल से हजारी परिवार की कुलदेवी रही यह बड़ी देवी, अब जिले के लोगों की बड़ी बऊ कहलाती है.

आराधना करते भक्त


200 साल पुराना है इस मंदिर का इतिहास
वर्तमान में दमोह में रहने वाला हजारी परिवार मूलतः कानपुर जिले का रहने वाला है. 200 साल पहले इनके पूर्वज पलायन करते हुए दमोह में रहने के लिए आए तब वे अपने साथ अपने कुल की देवी बड़ी देवी को भी दमोह लेकर पहुंचे. कई सालों तक बड़ी देवी उनके घर में ही उनकी कुलदेवी बनकर रही लेकिन एक समय स्वप्न में बड़ी देवी ने उन्हें बगीचे में स्थापित करने का निर्देश दिया. जिसके बाद परिजनों ने उनकी स्थापना अपने आधिपत्य वाले वर्तमान स्थान पर कर दिया. तब से लेकर अब तक बड़ी देवी यानी महालक्ष्मी, मां महासरस्वती एवं मां महाकाली के तीन स्वरूप यहां पर लोगों की मनोकामना को पूरा कर रहे हैं.

बड़ी देवी का मंदिर


पूरी होती है मनोकामना
जो भक्त यहां पर पूरे श्रद्धा भक्ति के साथ आता है, उसकी मनोकामनाएं बड़ी देवी मैया पूरी करती है. नवरात्र के समय इस स्थान पर सुबह 3:00 बजे से लंबी कतारों में लोग लगकर 4:00 बजे खुलने वाले माता रानी के मंदिर का इंतजार करते हैं. उसके बाद यहां पर जल अर्पण शुरू करते हैं. वहीं शाम के समय भव्य महाआरती का आयोजन किया जाता है. यहां पर पीढ़ियों से पुजारी का काम कर रहे पंडित जी बताते हैं कि उनकी कई पीढ़ियां यहां पर माता की सेवा कर रही है, और उन्होंने कई चमत्कार इस दरबार से होते हुए देखें है.

मनोकामना मांगते भक्त


नवरात्र के दिनों में यह स्थान देवी मां के जीवंत स्थान के रूप में निर्मित हो जाता है. यहां पर अखंड कीर्तन, अखंड ज्योति, अखंड लोगों का आना जाना यहां पर लोगों की आस्था और विश्वास को प्रकट करता है. दमोह ही नही दमोह से बाहर रहने वाले स्थानीय निवासी भी नवरात्र के समय बड़ी देवी के दरबार में आना नहीं भूलते. उनकी आस्था और विश्वास का कारण है कि आज भी यह दरबार भक्तों की आस्था के पायदान पर प्रथम स्थान पर है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details