दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह जिले में सिक्को की खनक गायब हो गई है. कोई भी एक या 2 रूपये के सिक्के लेने के लिए तैयार नहीं है. हर कोई सिर्फ नोट चाहता है. दुकानदार भी सिक्के लेने से मना कर देते हैं और नोट मांगते हैं या फिर उधार ले जाने की बात करते हैं. सिक्कों को ना तो व्यापारी और न ही बैंक के अधिकारी लेने के लिए तैयार हैं, जिसके बाद सिक्को को लेकर छोटे से बड़े मध्यम कारोबारी परेशान हैं.
दुकानदार से लेकर बैंककर्मी तक सिक्का लेने से कर रहें मना, लोगों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
दमोह जिले में सिक्को की खनक गायब हो गई है. कोई भी एक या 2 रूपये के सिक्के लेने के लिए तैयार नहीं है. हर कोई सिर्फ नोट चाहता है. दुकानदार भी सिक्के लेने से मना कर देते हैं, जिसके चलते परेशान लोगों ने जिला कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा है.
सिक्को के चलन से बाहर होने की वजह से एक- एक से दो रूपये की फोटो कॉपी कराने पर लोगों को 5 रूपये या 10 रुपये देने पड़ते हैं. बच्चे भी अब सिक्के लेने से बचने लगे हैं. बावाजूद इसके प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है. बाजारों में सिक्कों को लेकर आए दिन किचकिच हो रही है. शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में आए दिन कहीं न कहीं सिक्कों को लेकर हलचल मच रही है.
इसके साथ ही बैंकों में भी आए दिन तू-तू में में देखने को मिलती है, अधिकारी जहां ग्राहकों का सिक्का नहीं जमा कर रहे हैं, वहीं बड़े दुकानदार भी बैंकों का हवाला देते हुए सिक्का लेने से इंकार कर रहे हैं. छोटे दुकानदार से लेकर आम लोग सिक्कों की पोटली लेकर दर-दर भटकने पर मजबूर हैं. लिहाजा इस समस्या को लेकर सार्वभौम सिध्देश्वर सहयोग संगठन जबेरा ने कलेक्टर तरुण राठी के नाम तेन्दूखेड़ा तहसील भारती देवी मिश्रा को ज्ञापन सौंपा है.