दमोह। नगर पालिका को स्वच्छता अभियान के तहत ओडीएफ डबल प्लस का तमगा हासिल है, जिसका मतलब होता है कि क्षेत्र खुले में शौच मुक्त हो गया है, इसके साथ ही यहां पर बाहर से आने वालों के लिए भी सार्वजनिक शौचालय की बेहतर व्यवस्था है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयान करती है. इसके लिए ईटीवी भारत ने नगर पालिका में आने वाले हिरदेपुर गांव में जमीनी हकीकत का जायजा लिया.
क्या है ODF डबल प्लस की जमीनी हकीकत , ईटीवी भारत ने की पड़ताल - Toilet free
नगर पालिका को स्वच्छता अभियान के तहत ओडीएफ डबल प्लस का तमगा हासिल है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयान करती है. इसके लिए ईटीवी भारत ने नगर पालिका में आने वाले हिरदेपुर गांव में जमीनी हकीकत का जायजा लिया.
शहर से सटे ग्राणीण क्षेत्रों में शौचालय की व्यवस्था अभी भी नहीं सुधरी है. शहर से ही सटे ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. यह समस्या गरीब तबके के लिए और भी बड़ी है, क्योंकि न उनके पास शौचालय निर्माण के लिए पैसे हैं और न ही घूस देने के लिए. हालत ये है कि बुजुर्ग लोगों को शौच करने के लिए किसी के सहारे पटरी पार करके जाना पड़ता है.
हिरदेपुर गांव की एक महिला ने बताया कि वह कई बार शौचालय निर्माण के लिए गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन पैसा और पहुंच न होने के कारण शौचालय नहीं बन पाया. मोहल्ले में कई घर ऐसे हैं जहां पर शौचालय अभी भी नहीं बने हैं.
वहीं नगर पालिका के सीएमओ का अलग ही बयान है. उनका कहना है कि दमोह को शौच मुक्त करा लिया गया है, जो लोग सरकारी जमीनों पर अपने घर बनाकर रह रहे है, उनके घर में शौचालय नहीं है, जिसे जल्द ही बनवाया जाएगा.