छिंदवाड़ा। कोहरे का असर टमाटर की फसल पर पड़ रहा है. खुले खेतों में जिन किसानों की फसल खड़ी है. उसमें झुलसा रोग लग गया है. मोहखेड़, छिंदवाड़ा व परासिया विकासखंड में सैकड़ों एकड़ खेत में लगी टमाटर की फसल कोहरे की मार से बर्बाद हो चुकी है. हालात यह है कि जो टमाटर बचा है, उसे थोक मंडी में भी कोई नहीं पूछ रहा है. चिल्लर बाजार में भले ही टमाटर का 10 से 20 रुपए प्रति किलो भाव है, तो वहीं थोक मंडी में एक से डेढ़ रुपए बिक रहा है.
इन वजह से गाड़ी का भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है. अधिक लागत के बाद भाव नहीं मिलने और ऊपर से कोहरे की मार से झुलसी फसल के चलते टमाटर उत्पादक किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है. वे खेतों में रोटावेटर चलाने पर मजबूर हो गए हैं. यही हाल फूल गोभी का है. 50 रुपए कट्टे से ज्यादा का भाव नहीं है.
लाखों रुपए का नुकसान:जिले के मोहखेड़ निवासी किसान मिंटू साहू ने बताया कि उन्होंने 9 एकड़ में टमाटर लगाया है. जिसमें झुलस रोग लग जाने से लगभग 6 से 7 लाख रुपए का नुकसान हो गया है. साथ ही लहसुन की फसल भी पीली पड़ गई है. वहीं पालामऊ के किसान देवेन्द्र लोखंडे की डेढ़ एकड़ में लगी टमाटर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाने से लाखों का नुकसान हुआ है. देवेन्द्र ने अब खेत की सफाई कर फर्रास लगाने का मन बना लिया है. किसान वीरेन्द्र महाजन ने बताया कि खेतों से गोभी, टमाटर व बैगन को तुड़वाकर मंडी तक किसान ला रहे हैं, लेकिन सब्जियों के दाम इतने कम हो गए हैं कि किराया निकाल पाना मुश्किल हो गया है. आज टमाटर व गोभी एक रूपए किलो में बिका है, ऐसे में किसान क्या करे.
पाला व कोहरे से फसल बचाने के लिए क्या करें उपाय:आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र चंदनगांव के सहायक संचालक डॉ विजय पराड़कर ने किसानों को पाला व कोहरे से फसल बचाने के लिए हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि सिंचाई से तापमान दो डिग्री तक बढ़ जाता है. अधिक कोहरा होने पर खेत में धुआं करके भी फसल को बचाया जा सकता है. इससे तापमान जमाव बिन्दु तक नहीं गिर पाता और फसल पाले से होने वाली हानि से बच जाती है.