छिंदवाड़ा। जिले के चौरई में सोशल मीडिया पर एक मुहिम से शुरू हुआ सहायता ग्रुप अब लोगों के लिए मदद का दूसरा नाम बन गया है. चौरई क्षेत्र में चाहे फिर लॉकडाउन के 3 महीने हो या कोई बीमारी से जूझ रहा हो या फिर किसी को कोई आर्थिक जरूरत हो तो युवाओं की टोली हमेशा तैयार रहती है.
बाढ़ पीड़ितों की कर रहे मदद
चौरई विधानसभा क्षेत्र में पहली बार भयंकर बाढ़ आई, जिसके चलते लोगों के घर डूब गए और सब कुछ बर्बाद हो गया, जैसे ही जानकारी सहायता ग्रुप के युवाओं को लगी, तुरंत उन्होंने खाने से लेकर कंबल, कपड़े और राहत सामग्री पहुंचाई, लगातार तीन शिफ्टों में काम कर रहे युवा लोगों को हर तरीके से सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
खुद चन्दा करके करते हैं समाजसेवा
सहायता ग्रुप में करीब ढाई सौ युवाओं की टोली है, जो आपस में ही किसी की सहायता करने के लिए चंदा करते हैं और फिर उस पैसे को जरूरतमंदों के लिए उपयोग करते हैं, फिर चाहे किसी को बीमारी के लिए पैसे लगे या फिर किसी गांव में बाढ़ पीड़ितों को सहायता पहुंचाना हो.
सिर्फ समाज सेवा इसलिए नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
लोगों की सेवा करने का लक्ष्य लेकर शुरू की गई मुहिम अब तक बिना किसी सरकारी कागजात के चल रही है, युवाओं का कहना है कि अगर वे उनके ग्रुप को किसी एनजीओ के रजिस्टर्ड कराते हैं तो लोग कई तरह के सवाल उठाते हैं, इसलिए उन्होंने सिर्फ समाज सेवा करने के लिए ही ये बीड़ा उठाया और लगातार कर रहे हैं.
छात्र सरकारी नौकरी व्यापारी से लेकर हर वर्ग के युवाओं की टोली
सहायता ग्रुप के नाम से मशहूर युवाओं की टोली में सरकारी नौकरी व्यापारी स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों से लेकर पत्रकारों तक का दल मौजूद है, जिसे जब समय मिलता है, समाज सेवा के लिए तैयार रहते हैं, बाढ़ पीड़ित इलाकों में ग्रुप 3 शिफ्टों में काम कर रहा है, यहां पर लोग 8 घंटे अलग-अलग सेवाएं दे रहे हैं.
नाम की चाहत न शोहरत की भूख
अधिकतर देखा जाता है कि लोग समाजसेवा को अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करते हैं, लेकिन 3 साल पहले सोशल मीडिया में शुरू हुआ सहायता ग्रुप कभी भी मीडिया या दूसरे माध्यमों से सुर्खियों में नहीं आया, सिर्फ लोगों की सहायता करना ही इस ग्रुप का काम है.