छिंदवाड़ा। 5 हजार पांच सौ की आबादी और पानी के लिए एक हैंडपंप, ये हालात हैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदर्श गांव बीसापुर में. पानी की इस कदर किल्लत है कि यहां का हर वासिंदा जद्दोजहद करता नजर आता है. ग्रामीणों की माने तो गांव में महीने भर में एक बार ही पानी आता है. बीसापुर स्वागत द्वार, आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र, हाई स्कूल, पक्की सड़के, सामुदायिक भवन जैसी कई सौगातें मिली लेकिन गांव में पानी नहीं होने से ये सब अधूरी ही नजर आती है.
कमलनाथ के आदर्श गांव बीसापुर में पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, सीएम बनने के बाद भी नहीं बदले हालात
सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से सांसद रहते हुए बीसापुरकला गांव आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था. लेकिन, आदर्श गांव बनने के बाद भी यहां पानी की विकराल समस्या है. आलम यह है कि गांव में महीनेभर में एक बार ही पानी आता है. जिससे ग्रामीणों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गांव में पानी न होने से ग्रामीण भी सांसद महोदय से खासे नाराज नजर आते हैं. वे कहते हैं कि सांसद चुनावी समर में तो गांव की ओर रुख करते हैं. लेकिन, चुनावी बेला खत्म होते ही वे हम से मुंह मोड़ लेते हैं. गांव में पानी के अलावा अन्य समस्यायों ने भी डेरा डाल रखा है.
बीसापुर में सड़कों का निमार्ण तो हुआ लेकिन, नालियां न बनाए जाने से उनका गंदा पानी सड़कों पर ही बहता रहता है. जिससे यहां बीमारियों का खतरा भी रहता है. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोग उम्मीद कर रहे हैं उनकी समस्या दूर होगी.