छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस का किला यूं ही नहीं कहलाता है. छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस और कमलनाथ को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री और नेताओं ने राजनीतिक बिसात बिछाई लेकिन कमलनाथ इन सब नेताओं पर एक बार फिर भारी पड़े. छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से खुद कमलनाथ तो चुनाव जीते ही. इसके साथ ही जिले की छह और विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस के विधायक दूसरी बार चुनकर आए हैं. खास बात यह रही कि पूरे चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ और उनके बेटे छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के अलावा किसी ने भी चुनाव प्रचार नहीं किया.
बीजेपी के दिग्गजों के दौरे काम नहीं आए :भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कमलनाथ को हराने के लिए मार्च से छिंदवाड़ा में काम शुरू कर दिया था. अमित शाह ने छिंदवाड़ा में ही सबसे पहली रैली महा विजय अभियान के नाम से की थी. इसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, स्मृति ईरानी, एल मुरूगन, भानु प्रताप सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय नेता कैलाश विजयवर्गीय, रवि शंकर प्रसाद, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित प्रदेश स्तर के कई नेताओं ने बीजेपी को जिताने के लिए जी-तोड़ मेहनत की. लेकिन कुछ काम नहीं आया.