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आज सुबह रवाना होगी किसान स्पेशल ट्रेन, रेलवे को नहीं मिली उम्मीद के मुताबिक पार्सल की बुकिंग

प्रत्येक बुधवार को किसान स्पेशल ट्रेन चलाने रेलवे ने आदेश दिए थे, लेकिन बुकिंग व पार्सल नहीं मिलने के कारण तीन सप्ताह ट्रेन नहीं चल पाई. आज से फिर इसकी शुरूआत हो गई है. फिर भी समस्या जस के तस बनी हुई है. किसान बुकिंग नहीं करा रहे हैं. किसान चाहते हैं कि ट्रेन की टाइमिंग में बदलाव हो.

Kisan Special Train
किसान स्पेशल ट्रेन

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Published : Dec 2, 2020, 2:29 AM IST

छिंदवाड़ा। किसान स्पेशल ट्रेन को लेकर किसान व व्यापारी रुचि नहीं दिखा रहे है. किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले, कम भाड़े में वह अन्य स्थानों पर पहुंच सके जिसको लेकर ट्रेन शुरु की गई थी. किसान स्पेशल ट्रेन आज सुबह 5:10 बजे रेलवे स्टेशन से चलेगी. लेकिन फिलहाल जिस उद्देश्य से इस ट्रेन को चलाया गया था, वो पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है. ट्रेन की टाइमिंग को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज की है. लिहाजा पहली खेप में करीब 42 टन सब्जियां व फल भेजने वाले रेलवे विभाग को अब माल नहीं मिल पा रहा है.किसान स्पेशल ट्रेन को लेकर रेलवे विभाग के अधिकारियों ने किसानों और व्यापारियों से बातचीत भी की थी. लेकिन इसका खास असर नहीं दिखा.

किसान स्पेशल ट्रेन

किसानों ने टाइमिंग बदलने की मांग की

28 अक्टूबर को पहली किसान स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. जिसमें किसानों ने अपना कुछ सामान भी भेजा था.लेकिन 25 नवंबर को स्पेशल ट्रेन कैंसिल कर दी गई. अब फिर से कि 2 दिसंबर को किसान स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. किसानों और व्यापारियों का कहना था कि ट्रेन का समय बदला जाए. जिससे फल और सब्जियां नागपुर जाते तक सुबह-सुबह मंडी में पहुंच जाएं. हालांकि ट्रेन के समय में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

नहीं हुई पार्सल की बुकिंग

स्टेशन मास्टर संतोष श्रीवास के मुताबिक मंगलवार शाम तक किसान स्पेशल ट्रेन के लिए एक भी पार्सल बुक नहीं हुआ है. देर रात तक कुछ बुकिंग होने की संभावना है. करीब 15 टन माल की बुकिंग हो सकती है. लेकिन मामला टाइमिंग को अटक रहा है. किसान ट्रेन की टाइमिंग बदलने की मांग कर रहे हैं. जिस पर जल्द ही विचार किया जाएगा. आगामी समय में ट्रेन की टाइमिंग में बदलाव हो सकता है.

पांच राज्यों से गुजरेगी किसान स्पेशल ट्रेन

किसान स्पेशल ट्रेन मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ ,झारखंड ,पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के करीब 16 स्टेशन का सफर तय करते हुए 31 घंटे में हावड़ा पहुंचेगी.

ये भी एक है एक वजह

किसानों की यह मांग भी है कि उन्हें ट्रेन से सब्जियां व खाद्य सामग्री भेजने का फायदा तभी होगा जब वह ट्रेन में साथ जाएंगे. जिससे उन्हें सामान उतारने और चढ़ाने में भाड़ा नहीं देना होगा.किसी भी स्टेशन में 30 मिनट से अधिक का स्टापेज रेलवे को नहीं रखना चाहिए, जबकि इतवारी स्टेशन पर यह ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा खड़ी रहेगी. खड़गपुर के पास निचेता रेलवे स्टेशन को भी स्टापेज करने की भी मांग की गई है, क्योकि निचेता में पान की सबसे बड़ी मंडी है.

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