छिंदवाड़ा। हर चुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में आखिरी जनसभा करते हैं और ऐसा नहीं करने पर उनकी जीत की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है. इस गलती का खामियाजा एक बार कमलनाथ को भुगतना भी पड़ा है, जब 1997 में हुए लोकसभा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हरा दिया था.
हर चुनाव में कमलनाथ की जीत सुनिश्चित करता है ये 'टोटका', भूलने पर एक बार मिल चुकी है हार - चुनाव प्रचार
नकुनलाथ ने कहा कि उनका बचपन से सपना था कि जब वह चुनाव लड़ें, तब जुन्नारदेव में प्रचार की आखिरी सभा करें.
उस चुनाव में कमलनाथ चुनाव प्रचार का समापन जुन्नारदेव से करना भूल गये थे, लोग बताते हैं कि जुन्नारदेव में चुनाव प्रचार की आखिरी सभा नहीं करने का खामियाजा उन्हें हार के रुप में चुकाना पड़ा था. लिहाजा, सीएम कमलनाथ जुन्नारदेव में आखिरी सभा करने को एक परंपरा मानते हैं. इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने नकुलनाथ को चुनावी अखाड़े में उतारा है. इसलिये कमलनाथ के साथ नकुलनाथ ने भी जुन्नारदेव में सभा की है.
नकुनलाथ ने कहा कि उनका बचपन से सपना था कि जब वह चुनाव लड़ें, तब जुन्नारदेव में प्रचार की आखिरी सभा करें. 1997 में मिली हार के बाद 1980 से कमलनाथ यहां हर बार आखिरी सभा करते आ रहे हैं. जहां एक ओर कांग्रेसी इस चुनावी सभा को जीत का मूल मंत्र मानते हैं, वहीं, बीजेपी से जुड़े लोग कहते हैं कि कमलनाथ तंत्र-मंत्र के सहारे चुनाव जीतना चाहते हैं.