छिंदवाड़ा। पार्क और गार्डन में हरी-भरे पौधे सुंदर फूल और आकर्षक साज-सज्जा तो आम बात है. लेकिन छिंदवाड़ा के छोटे से गांव में ग्रामीणों ने प्रशासन की मदद से मोक्ष धाम को गार्डन में तब्दील कर दिया है. जहां से लोग अंत्येष्टि में ही नहीं बल्कि मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए यहां आते हैं. ग्रामीणों की सोच से मोक्षधाम का कायाकल्प हुआ है. हर ग्राम पंचायत में मोक्षधाम के निर्माण के लिए प्रशासन मनरेगा के तहत काम करा रहा है. छिंदवाड़ा जिले के लछुआ गांव के ग्रामीणों ने सोचा कि सरकार की मदद के साथ गांव के लोगों का भी सहयोग हो जाए तो मोक्ष धाम का कायाकल्प हो सकता है. लेकिन इसके बाद ग्रामीणों ने मनरेगा से मिली राशि और खुद के सहयोग से पौधारोपण के साथ ही मोक्ष धाम को सुंदर गार्डन में बदल दिया है.
महसूस होती है शांति
लोग श्मशान घाट में घूमने आते हैं, साथ ही फलों का मजा लेते हैं. आम तौर पर देखा जाता है कि शमशान घाट का नाम सुनते ही लोग छुआछूत मानते हैं लेकिन इस गांव के श्मशान घाट में लोग घूमने आते हैं और बाकायदा यहां पर बैठकर सुकून भी महसूस करते हैं. श्मशान घाट महिला की फलदार पौधों से निकलने वाली कटहल अमरूद और कई फल है जिसे लोग अपने घर लेकर जाते हैं। मनरेगा और ग्रामीणों की सहायता से बना मोक्ष धाम. मोक्ष धाम निर्माण के लिए सरकार ने 1 लाख 96000 स्वीकृत किए थे, जिसके तहत पौधरोपण होना था और पौध रोपण की 1लाख 61000 दिए गए थे. लेकिन मोक्ष धाम निर्माण के लिए और रुपए की जरूरत पड़ रही थी. जिसके चलते ग्रामीणों ने पैसे इकट्ठा किया और मोक्ष धाम को शांति धाम में तब्दील कर दिया.
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