छिंदवाड़ा।किसान मिट्टी के ढेले गीले होने के आधार पर पता लगा लेते हैं कि किस महीने में कितनी बारिश होगी. इलाके के प्रगतिशील किसान अजब सिंह वर्मा बताते हैं कि ये मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान बारह धरती माता को ऊपर लेकर आए थे. इसी शुभ दिन के मौके पर किसान आने वाले 4 महीने में बारिश का अंदाजा लगाते हैं. साथ ही ये भी पता लगाते हैं कि उनकी फसल कैसी होगी. किसान इसी अनुमान के आधार पर अपनी फसल को लेकर तैयारियां करते हैं.
मिट्टी के ढेले से परीक्षण :तरीका ये है कि अक्षय तृतीया के दिन किसान मिट्टी की चार ढेले (क्यूब) अपने खेतों से लाते हैं और सभी मिट्टी के ढेलों का महीनों के हिसाब से नामकरण करते हैं, जिसमें आषाढ़, सावन, भादो और क्वांर का महीना होता है. चारों महीने की मिट्टी के टीले में जो जिस तरीके से गीला होता है, उस हिसाब से किसान मान लेते हैं कि कितनी बारिश किस महीने में संभावित है. मान्यता के अनुसार मिट्टी की ढेलों के ऊपर नए घड़े में पानी भरकर पूजा करते हैं. आषाढ़ से ही बारिश का सीजन माना जाता है.