छिन्दवाड़ा। 6 अप्रैल को हनुमान जयंती है. इस मौके पर हम आपको हनुमान जी से जुड़ी रोचक कहानियां और उनके मंदिर के बारे में बताएंगे. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के जामसांवली में भगवान हनुमान विराजे हैं. खास बात यह है कि इस मंदिर में पवन पुत्र हनुमान विश्राम मुद्रा में लेटे हैं. स्वयंभू विराजमान विश्व प्रसिद्ध चमत्कारिक श्री हनुमान जी के नाभि से अनवरत जल की धारा बहती है. कहा जाता है कि नाभि से निकलने वाले इस जल से लोगों के कष्ट और परेशानियां दूर होती है. कहा जाता है कि इस श्रीमूर्ति के दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है.
चमत्कारों से होता है असाध्य रोगों का इलाज: जामसांवली में स्वयंभू हनुमान जी विराजमान हैं. जो लेटी हुई मुद्रा में हैं. कहा जाता है कि भगवान हनुमान खुद ही यहां प्रकट हुए थे. भक्तों का मानना है कि भगवान का चमत्कार इतना है कि इनके दर पर आने से ही कई असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं और मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए यहां आना रामबाण है.
हनुमान जी की नाभि से लगातार निकलता है जल: विश्राम मुद्रा में लेटे हुए चमत्कारिक हनुमान प्रतिमा की नाभि से लगातार जल निकलता रहता है. आज तक लोगों को पता नहीं लग पाया है कि वह जल कहां से निकलता है. जल की महिमा ऐसी की आप कितने भी दिन जल को अपने घर में रख लो, खराब नहीं होता है. लोगों का मानना है कि इस जल को पीने से या घर में रखने से कोई भी बाधाएं घर में नहीं आती.