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6 करोड़ का मुआवजा अटका, किसानों ने धरना देकर किया हंगामा

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Published : Jul 14, 2020, 8:50 PM IST

23 माह से किसानों को जलाशय निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से मंगलवार को धरने पर बैठ गए. 47 किसानों को मिलने वाला करीब छह करोड़ 50 लाख रुपये का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिल पाया है.

field during construction
खुदा हुआ खेत

छिंदवाड़ा। पांढुर्णा में डोलनाला जलाशय (डेम) के निर्माण के दौरान अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से परेशान किसानों ने जलसंसाधन कार्यालय का घेराव किया है, किसानों ने अधिकारी के कक्ष के सामने धरने पर बैठकर हंगामा कर दिया. बता दें, विभाग और शासन की गाइडलाइन के मुताबिक ठेकेदार ने डोलनाला जलाशय का 80 फीसदी काम तो पूरा कर लिया है. लेकिन गरीब किसानों को जमीन का आज तक मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसके चलते सभी किसान परेशान हैं.

मुआवजे के लिए धरना


मामला बढ़ते देख पांढुर्णा एसडीएम मेघा शर्मा ने किसानों के पास पहुंचकर मामले की जानकारी ली. एसडीएम को किसानों ने बताया, पांढुर्णा के कुकड़ीखापा के पास स्थित डोलनाला है, जहां जलाशय स्वीकृत होकर 11 अगस्त 2018 को प्रकाशन होकर ठेकेदार ने 80 प्रतिशत काम कम्प्लीट कर दिया, लेकिन जिन किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में गई है. ऐसे 47 किसानों को 23 माह से मुआवजा तक नहीं दिया गया है. जबकि सभी किसानों की जलाशय निर्माण के लिए जमीन खोद दी गई है.


किसानों की समस्या को देखते हुए तत्काल जलसंसाधन के एसडीओ ने निर्देश देकर शासन को पत्र लिखा और मुआवजा देने की मांग रखी है. एसडीएम किसानों की शिकायत पर तत्काल जलाशय निर्माण स्थल का निरीक्षण करने भी पहुंची. कुकड़ीखापा के किसान बार-बार मुआवजे की गुहार लगाने अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इन किसानों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. अधिकारियों के मुताबिक इन 47 किसानों की मध्य प्रदेस शासन से 6 करोड़ 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि नहीं आई है.

नाराज किसान, एसडीओ की बोलती बंद


धरने के दौरान जलसंसाधन के एसडीओ शामराव धुर्वे द्वारा एसडीएम मेघा शर्मा को गलत जानकारी देने पर सभी किसान भड़क गए. दरअसल, एसडीओ ने बताया कि जलाशय के लिए सरकारी जमीन की खुदाई कराई जा रही है. जिस पर किसान भड़क गए और कहने लगे कि सरकारी जमीन की खुदाई नहीं बल्कि किसानों की जमीन की खुदाई कराई जा रही है. इस दौरान किसानों का जवाब सुन एसडीओ की बोलती बंद हो गई.

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