छिंदवाड़ा। जिले में समर्पण तीर्थ और जन्मस्थल झिलमिली में आचार्य 108 मुनिश्री उपशम सागर ने सुबह 4 बजे धर्म करते हुए समाधि ली है. समाधि की खबर लगते ही अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लग गई. चौरई में भगवान 1008 मुनिसुव्रतनाथ जी मूलनायक, समर्पण तीर्थ झिलमिली के प्रणेता आचार्य 108 श्री उदार सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य 108 मुनिश्री उपशम सागर जी महाराज की आज समर्पण तीर्थ झिलमिली में समाधि सम्पन्न हुई है.
छिंदवाड़ा: समर्पण तीर्थ झिलमिली में आचार्य 108 मुनिश्री उपशम सागर ने ली समाधि
छिंदवाड़ा में समर्पण तीर्थ और जन्मस्थल झिलमिली में आचार्य 108 मुनिश्री उपशम सागर ने सुबह 4 बजे धर्म करते हुए समाधि ली है.
आचार्य 108 मुनिश्री उपशम सागर ने ली समाधि
मुनि ने ग्राम झिलमिली में ही जन्म लिया था. मुनी श्री ने रात में सुबह 4 बजे अपने शरीर को पूर्ण चेतन्य अवस्था मे धर्म ध्यान करते हुए त्याग दिया है. सुबह ख़बर लगते ही मुनि श्री के अंतिम दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे. उपस्थित लोगों द्वारा सुबह 11 बजे डोली निकाली गई एवं तीर्थ क्षेत्र में ही पूर्ण विधि विधान से 10 प्रतिमा धारी बाल ब्रम्हचारी राजेश भैया चैतन्य चांदामेटा ने मुनी श्री को अग्नि दी.