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छिंदवाड़ा: श्मशान में लगा 'राख का ढेर', शव जलाने के लिए नहीं बची जगह

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Published : Apr 10, 2021, 12:07 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 1:15 PM IST

मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. ज़िले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं लगातार हो रही मौतों ने लोगों के मन में खौफ पैदा कर दिया है. शुक्रवार को ज़िले में 36 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के अनुसार किया गया. श्मशान घाट के शेड में जगह खत्म होने पर कई शवों का खुले में अंतिम संस्कार किया गया.

खुले में किया गया अंतिम संस्कार

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से इजाफा हो रहा है. ज़िले में हर दिन बढ़ रहे संक्रमण और मौतों के आंकड़ों ने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है. शुक्रवार को 36 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइड लाइन के अनुसार किया गया, जबकि प्रशासन ने सिर्फ 1 व्यक्ति की कोरोना से मौत होने की पुष्टि की है. शुक्रवार को श्मशान घाट में एक साथ इतने शव आने पर शेड में जगह कम पड़ गई, इसके बाद कुछ शवों का अंतिम संस्कार खुले में किया गया. 22 लाख आबादी वाले छिंदवाड़ा ज़िले में करीब दो हज़ार गांव आते हैं. इसमें से करीब 70 गांवों में संक्रमण के ज्यादा केस आने पर इन्हें कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है. इधर छिंदवाड़ा शहर के 48 वार्डों में से 6 वार्डों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.

अस्पतालों में बेड की मारामारी

तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए छिंदवाड़ा प्रशासन भी मुस्तैद नजर आ रहा है. ज़िला अस्पताल में सभी 400 बेड फुल होने के बाद सरकारी अस्पताल बड़कुही को भी कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. लेकिन तेजी से सामने आ रहे संक्रमण के मामलों ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है. सरकारी अस्पतालों के अलावा छिंदवाड़ा के 6 निजी अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है लेकिन यहां भी मरीजों को बेड मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ज़िला अस्पताल में मरीजों के लिए हर दिन 2200 से 2400 लीटर ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो निजी अस्पतालों में 1 हज़ार लीटर ऑक्सीजन की खपत हर दिन की जा रही है.

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रेमडेसिविर की भारी किल्लत

ज़िला प्रशासन ने दवा दुकानों को कोरोना कर्फ्यू से छूट दे रखी है, लेकिन शहर में रेमडेसिविर और फेबिफ्लू की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. प्रशासन की सख्ती के बाद रेमडेसिविर की कालाबाजारी में तो कमी आई है, लेकिन अभी भी इसकी भारी किल्लत बनी हुई है. कई दवा दुकानों के बाहर मरीज़ों के परिजनों की भीड़ नजर आ रही है.

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दोगुने दामों में मिल रही सब्जियां

इधर शहर में जारी कोरोना कर्फ्यू की वजह से ज़रूरी सामानों की किल्लत भी सामने आई है. प्रशासन ने सब्जी, दूध जैसे ज़रूरी सामानों की होम डिलीवरी करने की अनुमति दी है, लेकिन कई इलाकों में लोगों ने दुकानदारों पर दोगुने दामों में सामान बेचने का आरोप लगाया है. प्रशासन ने सब्जी, दूध और पेपर हॉकर्स के लिए सुबह 6 बजे से साढ़े 8 बजे तक का समय तय किया है. इसके अलावा 45 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जाने की भी छूट दी गई है. गेंहू खरीदी को देखते हुए गेंहू बेचने वाले किसानों को भी खरीदी केन्द्रों तक जाने की छूट दी गई है.

Last Updated : Apr 10, 2021, 1:15 PM IST

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