छिंदवाड़ा। विश्व में अनोखी पहचान रखने वाले पातालकोट में 2 दिनों के भारिया महोत्सव का आगाज सांसद नकुलनाथ ने किया. 2 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में जनजाति क्षेत्रों के कई लोक कार्यक्रम होंगे.दरअसल पातालकोट इलाके में मुख्य रूप से भारिया जनजाति पाई जाती है, इस जाति को संरक्षित श्रेणी की जातियों में रखा गया है, इसलिए उनके उत्थान के लिए सरकार कई कदम उठाती है. मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग इनकी कला को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ऐसे आयोजन करते हैं, जिसके चलते 2 दिनों तक पातालकोट के चिमटीपुर में भड़म नृत्य, लाठी नृत्य, सैताम नृत्य, गोंड एवं बैगा जनजाति के नृत्य होंगे.
पातालकोट में 2 दिनों का भारिया महोत्सव का आगाज, लोकनृत्य की रहेगी धूम
छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट में 2 दिनों के भारिया महोत्सव का रंगारंग आगाज सांसद नकुल नाथ ने किया. संरक्षित श्रेणी की जातियों के उत्थान के लिए सरकार इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करती है.
2 दिनों का भारिया महोत्सव का आगाज
जनजातीय इलाकों में जब कोई खुशी का त्योहार या कोई मंगल कार्यक्रम होता है तो बैगा जनजाति घर-घोनी दशहरा और घोड़ी पैठाई नृत्य करते हैं. पारंपरिक वेशभूषा में रहने के साथ ही ये खुद के बनाए हुए वाद्य यंत्रों का उपयोग करते हैं. भारिया जनजाति के लोगों का कहना है कि उनके पास इतनी रकम नहीं होती है कि वे बाहर से मंगल कार्यक्रमों में लोगों को वाद्य यंत्र बजाने के लिए ला सके, इसलिए खुद के बनाए वाद्य यंत्र ही बजाते है और आपस में खुशियां बांटते है.