छतरपुर।करीब तीन साल पहले CM शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर जिले के एक छोटे से आदिवासी गांव में खुद कुदाली चलाकर आदिवासियों को शौचालय की सौगात देने का वादा किया था. इस दौरान उन्होंने एक आदिवासी महिला चंद्रानी आदिवासी को अपनी बहन कहा था. आज करीब तीन साल बीत जाने के बाद भी आदिवासी महिलाएं शौचायल का उपयोग करने के लिए तरस रही हैं.
बहुत खास है ये गांव
जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर सूरजपुरा पंचायत का छोटा सा आदिवासी गांव पुरवा अपने आप में एक अलग महत्व रखता है. इसकी वजह ये है कि यहां खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुंहबोली बहन रहती हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान 2017-18 में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान यहां आए थे. उन्होंने एक आम सभा भी की थी, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा कई अन्य मंत्री भी शामिल हुए थे.
शिवराज सिंह चौहान ने यहां रहने वाली एक आदिवासी महिला चंद्रानी आदिवासी को अपनी बहन बताया था. साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने खुद इन शौचालय निर्माण के लिए कुदाली मारते हुए शौचालयों की नींव रखी थी. लेकिन अब करीब तीन साल बीत जाने के बाद भी आज तक यह महिलाएं इन शौचालयों का उपयोग नहीं कर पा रही हैं. मजबूरन सभी महिलाओं को शौच के लिए जंगल जाना पड़ता है.
मुंहबोली बहन को दिया था मकान
सीएम शिवराज ने इस गांव में रहने वाली एक आदिवासी महिला चंद्रानी को अपनी मुंह बोली बहन मानते हुए उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का एक मकान सुपुर्द किया था. साथ ही उन्हें शौचालय के लिए 11000 रुपए का एक चेक भी दिया था. सीएम शिवराज ने कहा था कि इस पुरवा में रहने वाले सभी आदिवासी महिलाएं मेरी बहन के समान हैं. हम चाहते हैं कि इस पुरवा में रहने वाली एक भी बहन शौच करने के लिए बाहर न जाए. इसके लिए सीएम शिवराज ने कुदाली उठाकर खुद गड्ढा भी खोदा था.