छतरपुर| कांग्रेस ने सत्ता में कदम रखते ही मध्यप्रदेश के कर्जदार किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ दिया, लेकिन इस योजना के तहत हजारों ऐसे किसानों को कर्जदार बना दिया गया है, जिन्होंने कर्ज चुका दिया है या कर्ज लिये ही नहीं थे. ताजा मामला बिजावर नगर परिषद के एक गांव का है, जहां कुछ मृत किसानों को कर्जदार बना दिया गया है.
दरअसल, इस पूरे मामले में कुछ किसान नेताओं का कहना है कि ये एक बड़ा घोटाला हो सकता है, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि ये महज एक चूक है. बिजावर नगर परिषद अंतर्गत मृत किसान के पुत्र दस्सू साहू ने बताया कि उसके पिता की मौत साल 2009 में हो गई थी, तब तक उन पर किसी भी प्रकार का कर्ज नहीं था.
उन्होंने बताया कि जो भी कर्ज था, उसको चुकता करने की रसीदें भी उनके पास मौजूद हैं, लेकिन अचानक 9 साल बाद उन्हें फिर कर्जदार बना दिया गया. जिस समिति में इस प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है, उसका नाम सेवा सहकारी समिति खैरा कला है.
उसी गांव की एक अन्य किसान पंखुआ रजक का कहना है कि उनके पिता की मौत को लगभग 8 वर्ष हो गए हैं. उनके पिता के नाम पर किसी भी प्रकार का कोई कर्ज नहीं था, जो 84 हजार रुपये कर्ज लिया था, वह चुका दिया गया है. इसके बावजूद उनके पिता को कर्जदार बना दिया गया है. जहां एक ओर समिति प्रबंधक इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं, वही दूसरी तरफ बिजावर एसडीएम का कहना है कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.