छतरपुर। बाल श्रम और बाल मजदूरी रोकने को लेकर प्रशासन भले ही बड़े-बड़े दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है. जिले में शादी समारोह में छोटे छोटे बच्चों से खुलेआम खतरनाक काम कराया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों से काम कराकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन एवं जिले के आला अधिकारी आंख बंद किए इन बच्चों को काम करते हुए देख रहे हैं.
छोटे-छोटे बच्चों से कराया जा रहा है खतरनाक काम, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - एडीएम प्रेम सिंह चौहान
छतरपुर में बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है. जहां बच्चे जरा सी मजदूरी के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.
बच्चों की जान को होता है खतरा
शादी के सीजन में काम कराने के लिए आस-पास के गांवों से बच्चों को लाया जाता है और पैसे कमाने का लालच देकर बच्चों को बाल मजदूरी में धकेल दिया जाता है. बच्चों को मजदूरी के एवज में महज 200 से 300 रुपए दिए जाते हैं. बच्चों से लाइट ले जाने का जो काम कराया जाता है वह बेहद खतरनाक होता है. करंट लगने से जान जाने का भी खतरा रहता है.
ADM ने दी टीम गठन करने की बात कही
कुछ महीनों पहले ही शादी समारोह के दौरान हादसा हो गया था. हादसे में एक मासूम की जान चली गई थी. डीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए श्रम विभाग के अधिकारियों से बात करने की बात कही. उन्होंने जल्द ही एक टीम का गठन कर बाल श्रम पर बैन लगाने की बात कही है.