छतरपुर।आपने ज्योति मौर्य की कहानी तो सुनी होगी पति ने जैसे-तैसे मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया, लिखाया, एसडीएम बनाया पर उसका नतीजा यह निकला कि ऑफिसर बनने पर पत्नी ने पति को छोड़ दिया. इस समय पूरे देश में ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य चर्चा का विषय बने हुए हैं, तो वहीं एक कहानी छतरपुर जिले से निकलकर आ रही है, जहां यह महिला ज्योति मौर्य नहीं बल्कि प्रियंका गौड़ है. यह कहानी 23 साल की प्रियंका और उसके पति 30 साल के अंशुल गौड़ की है. छतरपुर की इन तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार एक महिला अपने दिव्यांग पति को उठाकर ले जा रही है.
यह है पूरा मामलाः जानकारी के मुताबिक छतरपुर के लवकुश नगर क्षेत्र के ग्राम परसानिया की रहने वाली प्रियंका आदिवासी जिसकी शादी वर्ष 2017 में अंशुल गौड़ से हुई थी. वर्ष 2019 में उसके पति सड़क हादसे में घायल हो गए थे. उनके पैर और कमर में गंभीर चोटें आई थीं, तभी से वह चलने फिरने में असमर्थ हैं और सर्वाइकल स्पाईन (लकवा) की बीमारी से ग्रस्त हैं. तभी से पत्नी अपने बीमार व दिव्यांग पति कोई लेकर जिम्मेदारों की चौखट पर मदद की गुहार लगाने पहुंच रही है. आर्थिक तंगी से परेशान प्रियंका अपने पति को लेकर लगातार मदद की गुहार लगा रही है. लेकिन उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर प्रियंका पति को गोद में लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची और मदद की आस और गुहार लगाई, जहां कलेक्टर ने मदद का आश्वासन दिया है.
कई सालों से परेशानः दोनों का आरोप है कि वह पिछले कई सालों से परेशान हैं. छतरपुर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से कई बार मदद मांग चुके हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. इतना ही नहीं वह क्षेत्रीय संसाद और BJP प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा से मिल चुकी हैं. इतना ही नहीं वह पति को लेकर भोपाल में CM हाउस में शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचीं, लेकिन 1 सप्ताह के इंतजार के बाद भी CM से नहीं मिल सकीं.