भोपाल।मध्य प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान का काउंडाउन शुरू हो चुका है. तीसरे चरण में सूबे की 8 सीटों पर मतदान होगा. जहां कई सियासी दिग्ग्जों की किस्मत का फैसला जनता ईवीएम में कैद कर देगी. राजधानी भोपाल, विदिशा, मुरैना, गुना, सागर, भिंड, ग्वालियर और राजगढ़ लोकसभा सीट पर मतदाता आज अपने मत का प्रयोग कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश की आठ सीटों पर 12 मई को मतदान 2014 में इन आठ सीटों में से गुना को छोड़कर बाकी की 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बात अगर इन आठ सीटों के प्रत्याशियों की जाए, तो भोपाल में कांग्रेस के चाण्क्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह के सामने बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मैदान में हैं. जहां दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस सीट के नतीजों पर देशभर की जनता अपनी टकटकी लगाए बैठी है.
तो मोदी लहर में भी गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर अपनी जीत बरकरार रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बीजेपी ने इस बार कभी उनके करीबी रहे डॉ. केपी यादव को मैदान में उतारा है. मोदी सरकार के कद्दावर मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस बार ग्वालियर सीट छोड़कर मुरैना से मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत से है.
वहीं चंबल की सियासत के केंद्र ग्वालियर में 39 साल पहले पिता के बीच की जंग अब बेटों तक पहुंच चुकी है, जहां बीजेपी के प्रत्याशी विवेक शेजवलकर का मुकाबला कांग्रेस से चौथी बार मैदान में उतरे अशोक सिंह से हैं.
वहीं बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ विदिशा की बात की जाए, तो या बीजेपी ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा है, जो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने यहां विधानसभा चुनाव में हार झेलने वाले शैलेंद्र पटेल को बीजेपी का गढ़ भेदने की जिम्मेदारी सौंपी है. तो इसी तरह भिंड में बीजेपी ने महिला प्रत्याशी संध्या राय पर दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस ने देवाशीष को बीजेपी का किला ढहाने की कमान सौंपी है.
बुंदेलखंड के सियासी केंद्र सागर में बीजेपी ने राजबहादुर सिंह को सातवीं बार जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है, तो कांग्रेस के प्रभु सिंह ठाकुर इस बार बीजेपी की जीत पर रोक लगाने की पूरी कोशिश में हैं. मोदी लहर में राजगढ़ की जंग आसानी से जीतने वाले रोडमल नागर के सामने इस बार दिग्विजय सिंह की करीबी मोना सुस्तानी मैदान में हैं.
इन आठ सीटों के मतदाता आज इन सियासी धुरंधरों की किस्मत का फैसला कर देंगे, जिसके नतीजे जनता के सामने 23 मई को होंगे. जहां देखना दिलचस्प होगा कि इन 16 महारथियों में किसका सितारा डूबता है और किसका बुलंद होता है.