बुरहानपुर। सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिलकुल उलट है. मामला आदिवासी बहुल क्षेत्र धुलकोट का है. जहां प्रसूता को जननी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण नवजात बच्चे को लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली से घर जाना पड़ा. इससे पहले उसे कुछ दूर तक पैदल भी चलना पड़ा.
बुरहानपुर: धुलकोट में जननी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं, प्रसूता को ट्रैक्टर से जाना पड़ा घर
बुरहानपुर जिले के धुलकोट में जननी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण प्रसूता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अपने नवजात बच्चे को लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली से घर जाना पड़ा.
प्रसूता को ट्रैक्टर पर सवार होकर जाना पड़ा घर
फोन पर ड्राइवर ने दिया रास्ता खराब होने का हवाला
बुधवार को धुलकोट के खोदरा फालीया निवासी प्रमीला बाई, पति प्रकाश प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर आई थी. इस दौरान रात मे महिला का प्रसव हुआ. गुरुवार सुबह प्रसूता के परिजनों ने जननी एक्सप्रेस को फोन लगाया, लेकिन ड्राइवर ने ये कहकर मना कर दिया कि, रास्ता खराब है, इसलिए वाहन नहीं आ पाएगा. इन परिस्थिति मे महिला के परिजन ट्रैक्टर ट्राली से नवजात शिशु एवं प्रसूति महिला को घर ले गए.