बुरहानपुर। जिले में मुगलकाल से बिक रहा मांडा पूरे देश और प्रदेश में मशहूर है. ये मांडा एक विशेष प्रकार की रोटी होती हैं, जो रोटी से कई गुना बड़े आकार की होती है. इसको बनाने में आटा, रवा, मैदा और तेल का उपयोग किया जाता हैं. शाम होते ही यह मांडा बाजार की दर्जनों दुकानों से अपनी सोंधी महक से लोगों की भीड़ को खींच लेता हैं.
यहां मिलता है देश-प्रदेश में मशहूर मांडा, जानें क्या है इसकी खासियत
बुरहानपुर में मिलता है देश-प्रदेश का मशहूर मांडा, यह मांडा मुगलकाल से चला आ रहा है और वर्तमान में 50 परिवार इसका व्यवसाय करते है.
खास बात तो यह है कि यह मांडा दिनभर हम्माली, पावरलूम और दुकानों में मजदूरी करने वाले या तांगा चलाने वाले मेहनतकश मजदूर तबके के लिए सबसे ज्यादा किफायती है. ये मजदूर किसी भी होटल से 25 रुपये की एक प्लेट सब्जी और 10 रुपये का मांडा खरीदकर अपने पेट की भूख मिटा लेते हैं. बुरहानपुर का मांडा अपने स्वाद के लिए पूरे देश और प्रदेश में जाना जाता है. यही वजह है कि सऊदी अरब जाने वाले यात्री भी यहां के बावरची को मांडा बनाने के लिए अरने साथ लेकर जाते है. शहर में 50 से अधिक परिवार मांडा व्यवसाय करते है,
यह मांडा 40 रुपये किलो से लेकर 100 रुपये किलो तक बिकता हैं. मांडा बनाने वाले इन लोगों की बिरादरी को भटियारा कहा जाता हैं. यह भटियारे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई जिलों में मांडा बनाने के व्यवसाय से जुड़े हैं. यहां का मजदूर तबका सब्जी के साथ मांडा बड़े ही शौक से खाता है. यही नहीं लोग बर्थडे पार्टीयो में भी मांडा खाना बेहद पसंद करते हैं, जिसके लिये ये भटियारे ऑर्डर भी लेते हैं.