पिता के निधन के गम से बढ़कर है सेवा, बुरहानपुर जिले की इस महिला सरपंच ने पेश की ये मिसाल
Sarpanch Asha Kaithwas Presented Example: बुरहानपुर की झिरी ग्राम पंचायत की सरपंच आशा कैथवास पिता के निधन के दो दिन बाद ही अपने गांव वापस लौटी और सीधे पंचायत पहुंचकर महिलाओं को गैस कनेक्शन दिलवाए.
बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर ग्राम पंचायत झिरी की सरपंच आशा कैथवास ने पिता के निधन की गमी को छोड़कर अपना कर्तव्य निभाया. पिता के निधन के बाद अपने मायके खंडवा से झिरी गांव आकर महिलाओं की सेवा करना पहले जरूरी समझा. पिता की मौत के दो दिन बाद आशा अपने गांव वापस लौटी और सीधे पंचायत पहुंची. यहां महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना के कनेक्शन वितरित किए. सरपंच के इस समर्पण को देख ग्रामीण उनके इस जज्बे के सामने नतमस्तक हो गए.
दूसरों का चूल्हा भी जरुरी है
महिला सरपंच आशा कैथवास के लिए सेवा पिता के गम से बढ़कर है. दरअसल दूसरों का चूल्हा जलाने के लिए पिता के निधन के दो दिन बाद ही महिलाओं को योजना का लाभ देने के लिए मायके से वापस गांव आ गई. गांव की पात्र महिलाओं को बुरहानपुर ले जाकर उज्जवला गैस योजना के तहत गैस चूल्हे वितरित करवाए. ग्राम पंचायत झिरी में 27 दिसंबर 2023 को विकसित भारत संकल्प यात्रा पहुंची थी, यहां शिविर आयोजित किया गया था, इसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लिए महिलाओं से आवेदन जमा कराए गए थे.
बुरहानपुर के झिरी गांव की सरपंच आशा कैथवास
एक फोन पर लौट आईं
गैस कनेक्शन लेने वाली महिला आवेदकों को गैस एजेंसी से फोन पर सूचना मिली कि कनेक्शन तैयार है, आकर ले जाएं. आवेदन करने वालीं महिलाएं झिरी गांव की निवासी हैं. उन्हें एजेंसी का पता नहीं था, इसलिए सरपंच को फोन लगाकर पूरी बात बताई. सरपंच पिता के निधन के कारण मायके खंडवा आईं थीं. इस बीच महिलाओं का फोन आया तो दूसरे दिन ही सरपंच आशा कैथवास झिरी पहुंची. महिलाओं को पंचायत में बुलाया और बुरहानपुर ले जाकर कनेक्शन दिलवाया.
ग्रामीणों ने बताया आशा कैथवास के सरपंच बनने के बाद से उनके काम समय पर हो रहे हैं. हर काम के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं. बता दें कि इससे पहले उन्होंने सरपंच बनने के बाद अपने गहने गिरवी रखकर गांव की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगवाए थे.जिला प्रशासन को इसकी जानकारी लगने के बाद सरपंच को राशि दी गई थी. उन्होंने गांव की भलाई के लिए और भी कई अच्छे काम किए हैं. जिसके चलते उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
पिता के निधन के दो दिन बाद लौटी गांव,महिलाओं को दिलवाए गैस कनेक्शन