भोपाल। कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है, बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्था बेबस और लाचार दिख रही हैं, भारत भी कोरोना से सीधी जंग लड़ रहा है, इस जंग में कोरोना सिपाहियों के सामने कई चुनौतियां हैं, जिसमें गरीबों की भूख मिटाने से लेकर उनके ठंडे चूल्हे जलाना सबसे बड़ी चुनौती है. लॉकडाउन के चलते जहां लोगों के रोजी-रोजगार छिन गए हैं, वहीं उनके सामने कोरोना से बड़ा वायरस भूख बनकर उनके सामने खड़ा है.
प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि वो गरीबों को तमाम सुविधाएं मुहैया करा रहा है, लेकिन जमीन पर ये दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. भोपाल में सैकड़ों ऐसे मजदूर हैं जो लोहा पीटने का काम करते हैं. शहर के अलग-अलग इलाकों में ये लोग झोपड़िया बनाकर सालों से रह रहे हैं, जो आज दो जून की रोटी को मोहताज हैं.