भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान 24 सितम्बर को ग्रामीण पथ विक्रेता के हितग्राहियों से चर्चा करने वाले हैं. बता दें मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत 10 हजार से अधिक ग्रामीण व्यवसायियों को अपना व्यवसाय सुचारू रूप से चलाने के लिये, एक साथ आवश्यक कार्यशील पूंजी ऋण वितरण के वर्चुअल कार्यक्रम का 24 सितम्बर 2020 को शुभारंभ करेंगे.
इस योजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के ग्रामीण अंचल के छोटे व्यवसाइयों को 10 हजार रूपये तक का बैंक ऋण प्रदेश शासन की गारंटी पर उपलब्ध कराया जायेगा. इस राशि का ब्याज भी प्रदेश सरकार ही वहन करेगी, वहीं इस योजना को स्टाम्प ड्यूटी से भी मुक्त रखा गया है.
वहीं ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहर में जाकर छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करने वाले प्रवासी भी, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में ब्लॉक तथा बैंकों के ब्रांच स्तर पर एक साथ छोटे ग्रामीण व्यवसायियों को ऋण राशि वितरीत की जायेगी.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान इंदौर, शहडोल, गुना के हितग्राहियों से वर्चुअल चर्चा भी करेंगे. कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया और राज्य मंत्री राम खिलावन पटेल भी वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े रहेंगे.
राज्य शासन का मानना है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की जा रही, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, ग्रामीण अंचल में तरह-तरह के छोटे व्यवसाय करने वालों के लिये, मील का पत्थर साबित होगी. वहीं ऐसे व्यवसायियों में ग्रामीण शिल्पी जैसे बढ़ई, लोहार, कुम्हार, चर्म-शिल्पी, केश-शिल्पी, टेलर, हाथठेला चालक, साइकिल, गाड़ी, मोटर साइकिल सुधारने वाले, फल-सब्जी, समोसा-कचौड़ी, आदि बेचने वाले जैसे अन्य लघु व्यवसायी शामिल हैं.
दरअसल कोरोना के दौरान लॉकडाउन की अवधि में ऐसे छोटे व्यवसायियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा था. जिसे ध्यान में रखते हुये प्रदेश में यह योजना प्रारंभ की गई है, इस योजना का अधिकाधिक ग्रामीण व्यवसायियों को लाभ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कामगार सेतु पोर्टल बना कर योजना को सरल और पारदर्शी बनाया गया है. योजना के अंतर्गत अभी तक आठ लाख 52 हजार हितग्राहियों का पंजीयन कामगार सेतु पोर्टल में हो चुका है. इसके साथ ही योजना से 18 से 55 वर्ष के ग्रामीण व्यवसायियों सहित ग्रामीण प्रवासी श्रमिक, व्यवसाय करने के इच्छुक ग्रामीण गरीब परिवार, आजीविका मिशन अथवा तेजस्विनी परियोजना में गठित स्व सहायता समूहों की महिलाएं भी लाभान्वित हो सकेंगी.