Crepitus Home Remedies:बढ़ती उम्र के साथ साथ मानव शरीर में कई तरह की बीमारियां भी घर कर लेती हैं. खासकर ब्लड प्रेशर, डायबटीज या हड्डियों का कमजोर होना आम बात है. लेकिन कई बार घुटनों से क्रैकिंग साउंड यानि घुटनों के अंदर से कट-कट की आवाज या हड्डियों के टूटने चटकने जैसी ध्वनि सुनाई देने लगती है. ऐसे में इसे हल्के में ना लें ये गठिया (आर्थराइटिस) रोग का संकेत हो सकता है.
आम तौर पर 50 की उम्र पार करने के बाद यदि हड्डियों से क्रैकिंग साउंड आने लगता है. इसे चिकित्सकीय भाषा में क्रेपिटस कहा जाता है. इस समस्या की मुख्य वजह घुटनों और हड्डियों के बीच मौजूद द्रव में हवा के छोटे बुलबुले बन जाते हैं. जब हड्डियां हिलती हैं तो दबाव की वजह से ये बुलबुले फूटने लगते हैं. इसकी वजह से आवाज शरीर के बाहर भी सुनाई देती है. जो सुनने में हड्डियों के चटकाने या चरमराने जैसी लगती है.
कितनी नुक़सानदेह हो सकती है क्रेपिटस की समस्या:असल में क्रेपिटस हड्डियों के लिए हानिकारक है. कम उम्र में किशोरावस्था में घुटनों या हड्डियों के जोड़ों से आवाज आना तब तक परेशानी की बात नहीं है, जब तक कि इसकी वजह से हड्डियों के जोड़ों में दर्द ना हो. लेकिन सामान्य उम्र में ऐसा होने पर यह अस्थाराइटिस (गठिया) रोग के संकेत हो सकते हैं. ऑर्थराइटिस हड्डियों का गंभीर रोग है. इसमें हड्डियों के जोड़ों पर मौजूद कार्टिलेज खत्म होने लगता है. इसकी वजह से हड्डियों के जोड़ आपस में रगड़ने पर दर्द करते हैं. कमजोर होते जाते हैं.
क्रेकिंग साउंड और आर्थराइटिस के लिए घरेलू उपचार
लहसुन-आर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या होने पर सर्दी के मौसम में लहसुन का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट के साथ साथ सल्फर भी मौजूद होता है. ऐसे में अगर गठिया के मरीजों को सुबह खाली पेट लहसुन की दो से तीन कलियां खाना चाहिए. इससे घटते कार्टिलेज में आराम मिलता है, साथ ही यह इसे ठीक भी करता है.