मध्यप्रदेश में 7261 पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा, अब तक 313 मरीजों की मौत
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है, आज पूरे प्रदेश में 237 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या 7261 हो गई है. वहीं आज प्रदेश में 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है, जिसके बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का अंकाड़ा 313 तक पहुंच गया है, अभी तक प्रदेश में 3927 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.
लू की चपेट में मध्यप्रदेश, कई जिलों में हीट वेव का असर
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों के तापमान बढ़े, कई जिलों में हीट वेव का असर देखा गया है. वहीं लगभग सभी जिलों में लू का असर देखने को मिला. लू के असर के कारण मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए प्रदेश के रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभागों और टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, जबलपुर, नरसिंहपुर खंडवा, खरगोन, होशंगाबाद, रायसेन के साथ ही राजगढ़ जिले में येलो अलर्ट जारी किया है.
राजभवन में कोरोना की दस्तक के बाद दहशत का माहौल, राज्यपाल लालजी टंडन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
राजभवन में कोरोना की दस्तक के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने भी कोरोना टेस्ट कराया. उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. पिछले दिनों राजभवन के कर्मचारी के बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद राज्यपाल और राजभवन के सभी कर्मचारियों का टेस्ट कराया गया, जिसमें एक ही परिवार के 6 लोग पॉजिटिव निकले हैं.
मध्यप्रदेश में जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार, सीएम ने दिए संकेत
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बयान दिया है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों पर चर्चा करने के लिए सीएम शिवराज प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ मंत्रियों के संभावित नामों पर चर्चा हुई. इस दौरान सीएम ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होगा. वहीं 31 मई से पहले मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सीएम ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि उम्मीद पर दुनिया कायम है.
दलबदलू बंगला नंबर 38 की कहानी, एमपी की सत्ता में निभाता है अहम जिम्मेदारी
राजनीति में आपने नेताओं को दल बदलते देखा होगा, लेकिन ग्वालियर में एक ऐसा बंगला है, जो हमेशा दल बदलता रहता है. रेस कोर्स रोड पर बना बंगला नंबर 38 हमेशा प्रदेश की सियासत का केंद्र रहा है. 1977 से लेकर अब तक इसी बंगले में प्रदेश के सियासी मोहरों की चाल तय होती रही है, जो प्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा तय करते थे. इतना ही नहीं इसी बंगले में कितने सूरमाओं का सियासी मुकद्दर भी लिखा गया है और यहीं से ये भी तय होता रहा है कि मध्यप्रदेश की सत्ता पर किसका राज होगा.