भोपाल। प्रदेश के वन्य प्रेमियों की लंबी लड़ाई के बाद मध्यप्रदेश से उड़ीसा भेजी गई बाघिन सुंदरी को वापस मध्यप्रदेश लाया जा रहा है. 2018 में भारी विरोध के बावजूद शिवराज सरकार ने एक बाघ और बाघिन को उड़ीसा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में भेज दिया था. जहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के चलते शिकारियों ने बाघ को मार दिया था और बाघिन सुंदरी को एक साल से कैद में रखा गया था.
एमपी को बाघिन सुंदरी का इंतजार, लंबी लड़ाई के बाद वापसी का रास्ता साफ - एनटीसीए
वन्य प्रेमियों की लंबी लड़ाई के बाद मध्यप्रदेश से उड़ीसा भेजी गई बाघिन सुंदरी को वापस मध्यप्रदेश लाया जा रहा है. एनटीसीए ने बाघिन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे वापस भेजने का निर्णय लिया है.
उसके बाद प्रदेश के वन्य प्रेमियों ने बाघिन सुंदरी को वापस लाए जाने की मुहिम छेड़ दी थी. एनटीसीए ने बाघिन की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए उसे वापस मध्यप्रदेश भेजने का निर्णय लिया. जल्द ही सुंदरी बाघिन मध्य प्रदेश आ जाएगी.
इसके लिए प्रदेश के वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने लंबी लड़ाई लड़ी है. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की बाघिन सुंदरी के मामले में उड़ीसा सरकार को आदेश मिला है कि सुंदरी को वापस भेजा जाए. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने इंटर स्टेट रिइंट्रोडक्शन प्लान के तहत एक बाघ और बाघिन को मध्यप्रदेश ने उड़ीसा भेजा था. जोकि गलत निर्णय था. उड़ीसा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में ये बाघिन पिछले एक साल से कैद है. जोकि वन्य प्राणी संरक्षण कानून का उल्लंघन है.