भोपाल।कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों के द्वारा लगातार सेनिटाइजर और मास्क का उपयोग तेजी से बढ़ा है. इसके अलावा अस्पतालों में भी डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को पीपीई किट्स भारी संख्या में मुहैया कराई जा रही हैं. ऐसे में वायरस से संक्रमित भारी मात्रा में बायो मेडिकल वेस्ट भी खड़ा हो रहा है जो आने वाले समय में कई तरह की परेशानियां भी खड़ी कर सकता है. जिसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने पूरी तरह से समाप्त करने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था बना दी है.
कोरोना संबंधी बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए त्रि-स्तरीय व्यवस्था, सुरक्षा का रखा जाएगा पूरा ध्यान
कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा उपयोग किए जा रहे पीपीई किट्स और मरीजों के उपचार संबंधी बायोमेडिकल वेस्ट में नागरिकों द्वारा बड़ी संख्या में उपयोग किए जा रहे मास्क और अन्य उपकरणों के उपयोग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.
वेस्ट निस्तारण की पहली व्यवस्था के अंतर्गत अस्पतालों और सैंपल कलेक्शन सेंटर्स में उपयोग किये गए पीपीई किट्स और मेडिकल वेस्ट का निस्तारण इंसीनेरेशन (inciniration) के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा. दूसरी श्रेणी में होम क्वॉरंटाइन और क्वॉरंटाइन स्थानों में प्रयुक्त होने वाले सुरक्षा वस्त्र, मास्क, दस्ताने, ट्यूब, दवाईयां और उपयोग में लाई गई अन्य चीजों को अलग से पीले रंग के बैग में संकलित कर ऐसे आवासों/स्थानों से पृथक वाहन के माध्यम से इंसीनेरेशन फेसेलिटी संचालित करने वाले व्यक्ति को इंसीनेरेशन के लिये सौंपी जाएगी. बचे हुए कचरे को घरेलू कचरे की तरह निस्तारित किया जाएगा. तीसरी श्रेणी में अतिरिक्त सामान्य (कोरोना अप्रभावित) नागरिकों के द्वारा उपयोग किए जा रहे मास्क, दस्ताने और अन्य उपकरणों को कचरा इकट्ठा करने वाले वाहन में अलग से इकट्ठा कर उनका निस्तारण पहले की तरह डोमेस्टिक हेजार्डस वेस्ट एसडब्ल्यूएम रूल्स 2016 के अनुसार किया जाएगा.
प्रदेश के जिन नगरीय निकायों में इंसीनेरेशन की व्यवस्था नहीं है. वे समीप के उन स्थानों, निकायों और अस्पतालों, जहां यह व्यवस्था है, वहां निर्धारित मूल्य पर अनुबंध कर बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित करेंगे. स्वच्छता एप और डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों में पब्लिक सिस्टम के माध्यम से आम नागरिकों को इस व्यवस्था की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं.