भोपाल। प्रदेश में पानी की भारी किल्लत हो रही है. ट्यूबवेल, कुएं, बावड़ी, तालाबों का भी जल स्तर कम हो गया है. कई पंचायतों में नल-जल योजनाएं भी सूखी पड़ गई हैं. पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि प्रदेश में जलसंकट की स्थिती है लेकिन सरकार जलसंकट से निपटने के लिए तैयार है.
भोपाल में पानी की भीषण किल्लत, शासन ने जिले को सूखा घोषित किया
प्रदेश में पानी की भारी किल्लत हो रही है. ट्यूबवेल, कुएं, बावड़ी, तालाबों का भी जल स्तर कम हो गया है. कई पंचायतों में नल-जल योजनाएं भी सूखी पड़ गई हैं.सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है इसलिए शासन ने जिले को सूखा घोषित किया है.
पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने बताया कि वाटर लेवल बहुत ज्यादा नीचे जा चुका है. जहां हम पहले चार-पांच सौ फिट पर बोर करते थे और पानी लग जाता था वहीं अब हजार फिट बोर करने पर भी पानी नहीं लग रहा. सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है इसलिए शासन ने जिले को सूखा घोषित किया है.
जिले में सभी एसडीएम को अधिकार दिए गए हैं कि उनके इलाके में पानी की किल्लत होने पर जलस्रोतों का अधिग्रहण कर सकेंगे. पीएचई ने जल संकट की रिपोर्ट पेश की है. बता दें कि भोपाल शहर के बड़े तालाब और कलियासोत डैम का जलस्तर काफी गिर चुका है. इस बार सही समय पर मानसून नहीं आया तो राजधानी भोपाल के हालात और बिगड़ सकते हैं.