भोपाल। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रकृति के संरक्षण के लिये कई कार्यक्रम और आंदोलन किये जा रहे हैं, इसी के चलते राजधानी भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बाघों को बचाने के लिये मौन प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोगों ने कहा कि लगातार जंगलों को हो रहे नुकसान के चलते बाघों का जीवन खतरे में है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक जुट होकर बाघों को बचाने की अपील की है.
विश्व पर्यावरण दिवसः भोपाल के बाघों को बचाने के लिए किया मौन प्रदर्शन
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भोपाल में हो रही अवैध कटाई और शेरों के संरक्षण के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मौन प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया . प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि भोपाल के जंगलों में की जा रही पेड़ों की कटाई और जंगल में लगातार आग लगने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाये.
सामाजिक कार्यकर्ता राशिद नूर खान का कहना है कि पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम केवल भोपाल के जंगलों में रह रहे उन बाघों को बचाने की अपील कर रहे हैं, जिनका जीवन अब संकट की स्थिति में आ चुका है, क्योंकि कलियासोत और केरवा के जंगलों में लगातार अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की जा रही है. इन क्षेत्रों में अवैध रूप से सड़क बनाने का काम किया जा रहा है, साथ ही लोग यहां पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. यदि ऐसा होता है तो फिर जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और इन बाघों को रहने के लिए जगह ही नहीं मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इस समय राजधानी के जंगलों में 17 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं जो हमारे लिए गौरव की बात है लेकिन वन विभाग जंगलों में हो रही अवैध कटाई और लगातार की जा रही आग लगाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हुआ है हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन शेरों को बचाने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही बाघ भ्रमण क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि कानूनी रूप से भी यह पूरी तरह गलत है.