भोपाल। अतिथि विद्वान लगातार राजधानी में एक हफ्ते से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और अपनी नियमितीकरण की मांग रहे हैं. बावजूद इसके सरकार का कोई भी नुमाइंदा अतिथि विद्वानों से मिलने नहीं पहुंचा. हालांकि आंदोलनकारी सरकार को जगाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन सरकार के कान में अभी तक जूं तक नहीं रेंगी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अतिथि विद्वान शिक्षकों से मिलने पहुंचे.
अतिथि विद्वानों से मिलने पहुंचे शिवराज, कहा- हृदयहीन सरकार और जुर्म की पराकाष्ठा है कमलनाथ सरकार - अतिथि विद्वानों का आंदोलन
राजधानी में एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मिलने पहुंचे. अतिथि विद्वानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.
शिवराज सिंह ने कहा इस सरकार को एक साल पूरा होने जा रहा है लेकिन ऐसा जुर्म करने वाली सरकार हमने नहीं देखी. जो अंहिसापूर्व मांगों को कुचलने का काम करे. उन्होंने कहा कि इस तरह की दुर्दशा कभी नहीं देखी. लोग आंदोलन उनके कार्यकाल के वक्त भी करते थे. उस वक्त वो आंदोलनकारियों से मिलने जल्द पहुंच जाते थे. उन्होंने कहा कि यहां अतिथि विद्वान शिक्षकों की ऐसी स्थिति कर दी जैसे कि कोई अनपढ़ हों. शिवराज सिंह ने कहा कि उन्होंने भले ही अतिथि विद्वान शिक्षकों की पेमेंट ना बढ़ाई हो, लेकिन कभी इन्हें नौकरी से नहीं हटाया. जबकि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन्हें स्थाई रखने की बात कही थी.
उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वान शिक्षकों से पढ़कर कई जगह पर लोग बड़े-बड़े स्थानों पर गए हैं. लेकिन उनका कोई अभी तक उद्धार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिस तरह अतिथि विद्वानों के साथ व्यवहार हो रहा है उससे पता चलता है कि ये हृदयहीन और जुर्म की प्रकाष्ठा की सरकार है. शिवराज सिंह ने कहा कि अतिथि विद्वानों के हक की लड़ाई में वो इनके लिए लड़ेंगे.