भोपाल। मध्यप्रदेश में उद्योगों को राहत देने के लिए लगातार नियमों को सरल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ बैठक में श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए श्रम कानून में जरूरी संशोधन के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
उद्योगों में राहत देने की तैयारी में शिवराज सरकार, श्रम कानून में संशोधन के लिए तैयार होगा प्रस्ताव
मध्य प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिए अधिनियम में संशोधन कर राहत देने की तैयारी कर ली हैं. वहीं अब गुमास्ता जैसे 18 लाइसेंस और अनुमतियों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे. यह तमाम लाइसेंस और अनुमति 1 दिन में दी जाएगी.
उद्योगों को मिलेगी राहत
श्रम कानूनों में यह होंगे बदलाव-
- अब उद्योगों को विभागीय निरीक्षण से मुक्ति मिलेगी.
- उद्योग अपनी मर्जी से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करा सकेंगे, उन्हें रजिस्टर के संधारण में भी छूट मिलेगी
- फैक्ट्री का इंस्पेक्टर द्वारा जांच एवं निरीक्षण भी नहीं किया जाएगा.
- उद्योग अपनी सुविधा में शिफ्ट में परिवर्तन कर सकेंगे.
- सरकार ने मध्य प्रदेश औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है, इससे किसी एक यूनियन से समझौते की बाध्यता खत्म हो जाएगी.
- नई स्थापनाओं को 1 हजार दिन तक औद्योगिक विवाद अधिनियम में अनेक प्रावधानों से छूट मिलेगी.
- संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार श्रमिकों को सेवा में रख सकेंगे.
- मध्य प्रदेश औद्योगिक नियोजन अधिनियम में संशोधन के बाद 100 श्रमिक तक शुरू होने वाले कारखानों को अधिनियम के प्रावधानों में छूट मिलेगी.
- साथ ही नए कारखाने को आगामी 1 हजार दिन के लिए मध्य प्रदेश श्रम कल्याण मंडल को हर साल प्रति श्रमिक 80 रूपये के हिसाब से दी जाने वाली राशि में छूट मिलेगी,साथ ही वार्षिक रिटर्न से भी छूट दी जाएगी.
- कारखाना अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, इससे छोटे उद्योगों को कारखाना अधिनियम में रजिस्ट्रेशन से छूट मिलेगी अभी तक 13 केंद्रीय चार राज्य कानूनों में संशोधन किए जा चुके हैं.