भोपाल।विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद अब सिंधिया समर्थक नेता बीजेपी की सत्ता और संगठन के लिए मुसीबत बनते जा रहे है. यह नेता हर हाल में सत्ता में सक्रिय भागीदारी की जीद पर अड़े हैं. यही वजह है कि सिंधिया बार-बार दिल्ली से भोपाल का चक्कर लगा रहे हैं.
सिंधिया अपने समर्थकों को निगम मंडल की कमान देने के साथ ही संगठन में भी भागीदारी की जिद पर अड़े हैं. यही कारण है कि ना तो प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की टीम का विस्तार हो पा रहा है और ना ही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो पा रहा है.
सत्ता और संगठन के लिए मुसीबत बने सिंधिया समर्थक
मध्य प्रदेश में उपचुनाव में हारे हुए सिंधिया समर्थकों का एडजस्टमेंट बीजेपी सरकार और संगठन के लिए सिरदर्द बना हुआ है. सिंधिया हाल ही में उपचुनाव हारने वाले अपने तीन समर्थक नेता इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एदल सिंह कंसाना को सत्ता में भागीदार बनाए रखने के पक्ष में हैं. वे इनको निगम मंडल की कमान दिलाना चाहते हैं, जबकि सत्ता और संगठन इन हारे हुए नेताओं की जगह निगम मंडलों में दूसरे नेताओं को मौका देने के पक्ष में है. इनमें बीजेपी के साथ-साथ सिंधिया के अन्य समर्थक के नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
माना जा रहा है कि कुछ सिंधिया समर्थक नेताओं को मौका देने के लिए दिल्ली से पार्टी आलाकमान से चर्चा कर सकते हैं. इसी को लेकर हाल ही में सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संगठन नेताओं के साथ मंथन भी किया था. सिंधिया का यह मंथन कहीं ना कहीं अघोषित रूप से उनका, सरकार और सत्ता में स्थान देने के लिए दबाव के रूप में शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है.