भोपाल। दो दिनों में मध्य प्रदेश विधानसभा के 50 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए. ऐसी स्थिति में तीन दिवसीय सत्र पर सिर्फ एक दिन का सत्र होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि कांग्रेस ने इसे सत्ताधारी दल की सत्र टालने की कोशिश बताया है.
कांग्रेस चाहती है कि तीन दिनों का सत्र हो और विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव हो. वहीं कांग्रेस ने सवाल किया है कि मध्य प्रदेश का नाम इतिहास में क्यों दर्ज कराना चाहते हैं ? क्या किसी प्रदेश की विधानसभा इतने लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर के हवाले चल सकती है ?
सज्जन सिंह ने सरकार पर साधा निशाना विधानसभा में कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों का आंकड़ा पहुंचा 50 मध्य प्रदेश विधानसभा में कर्मचारियों की कोरोना जांच कराए जाने के बाद 2 दिनों में 50 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. पहले दिन हुई जांच में 34 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद शनिवार को आई रिपोर्ट में 16 कर्मचारी और पॉजिटिव पाए गए. ऐसी स्थिति में 28 दिसंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सत्र के कई तय प्रोग्राम टलने के आसार दिख रहे हैं. बता दें कि, आज विधानसभा स्पीकर और प्रमुख सचिव ने भी अपनी कोरोना जांच कराई है.
हमें पहले से थी शंका- कांग्रेस
2 दिनों की जांच रिपोर्ट में 50 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि हमें पहले से ही शंका थी कि सत्र के 2 दिन पहले ऐसा कुछ हो सकता है, ताकि विधानसभा का खेल खत्म हो जाए.
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि 'मेरी बातों को और बल मिल रहा है. सत्र के 2 दिन पहले कोरोना की रिपोर्ट आती है. 35 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकलते हैं. शाम को एक और रिपोर्ट आएगी, जिसमें 20-25 कर्मचारी पॉजिटिव निकल जायेंगे, ताकि विधानसभा का खेल खत्म हो जाए.'
विधानसभा स्थगित करने की कोशिश के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'स्थगित तो नहीं कर सकते हैं. इन्हें सभी विधायकों के हस्ताक्षर कराने पड़ेंगे. एक दिन का असली नकली सत्र बताना ही पड़ेगा, नहीं तो राष्ट्रपति विधानसभा भंग कर देगा.'
सर्वदलीय बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि 'हम चाहते हैं कि तीन दिनों का सत्र चले. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव क्यों नहीं करा रहे हैं ? प्रोटेम स्पीकर का इतिहास बनाएंगे क्या ? स्वर्ण अक्षरों में लिखोगे क्या कि एक प्रदेश में प्रोटेम स्पीकर इतने लंबे समय तक रहा ?'