भोपाल।ट्विटर हैंडल पर अपना स्टेटस बदल कर मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले सिंधिया ने भले ही अपनी सफाई पेश कर दी हो, लेकिन पिछले दिनों जो कुछ घटा, उससे कांग्रेस में चल रही गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. लंबे समय से कांग्रेसी की राजनीति को नजदीक से देखने वाले लोगों का मानना है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कहीं ना कहीं सिंधिया की उपेक्षा कर रही है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस कर रही है सिंधिया की उपेक्षा मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति को लंबे समय से देख रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप जायसवाल का कहना है कि, सिंधिया की नाराजगी वाजिब है. जिस तरह से वो प्रतिक्रिया कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि इशारों में वो समझा रहे हैं या सीधे तौर पर समझाने की कोशिश रहे हैं, कि कांग्रेस कहीं ना कहीं उनकी उपेक्षा कर रही है. प्रदीप जायसवाल का मानना है कि कमलनाथ सरकार बनने में सिंधिया का बड़ा योगदान है.
'सिंधिया समर्थक मंत्रियों को मिले तवज्जो'
प्रदीप जायसवाल का कहना है कि है कि मध्यप्रदेश की राजनीति में सिंधिया को जगह देने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को खुद आगे आना होगा. जिस तरह कमलनाथ अध्यक्ष पद को देख रहे हैं, जायसवाल का कहना है कि अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया की दावेदारी बनती है.
सिंधिया थे मुख्यमंत्री पद के दावेदार
बता दें मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार अस्तित्व में आते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार थे, लेकिन बतौर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में लड़े गए इस चुनाव के कारण उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि सिंधिया और उनके समर्थक इस बात को लेकर नाराज थे, लेकिन उन्होंने सब्र किया. सिंधिया के सब्र का बांध टूटा, जब उन्हें लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा.