भोपाल। पिछले 18 सालों से अलग फिजियोथैरेपी काउंसिल की मांग कर रहे मध्यप्रदेश के फिजियोथेरैपिस्टों ने कांग्रेस कार्यालय का घेराव किया है. बता दें फिजियोथेरैपिस्टों की मांग है कि उन्हें पैरामेडिकल काउंसिल से अलग कर फिजियोथैरेपिस्ट काउंसिल बनाई जाए.
फिजियोथैरेपिस्टो ने कांग्रेस कार्यालय का किया घेराव, पीसीसी अधिकारियों ने दिया आश्वसन - पीसीसी
फिजियोथेरैपिस्टों की मांग है कि उन्हें पैरामेडिकल काउंसिल से अलग कर फिजियोथैरेपिस्ट काउंसिल बनाई जाए.
पीसीसी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आंदोलनकारियों से बात कर उनकी बात कमलनाथ सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है. फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि अगर 16 जुलाई तक उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.दरअसल फिजियोथैरेपिस्ट का कहना है कि फिजियोथेरेपी एक स्वतंत्र प्रोफेशन है. जो स्वतंत्र तरीके से मरीजों का इलाज करते हैं.
फिजियोथैरेपी की पढ़ाई 7 से 10 साल तक की होती है. उनका कहना है कि फिजियोथैरेपिस्ट पैरामेडिकल के अंतर्गत नहीं आते हैं. यह पूरी दुनिया में स्वतंत्र हैं. जबकि इसकी जानकारी भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ को भी है. इसके बाद भी मध्यप्रदेश में पिछले 16 सालों से बार-बार मांग करने के बाद फिजियोथैरेपी काउंसिल अलग से नहीं बनाई जा रही है.जबकि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात में अलग काउंसिल बना दी गई है. प्रदेश संगठन महामंत्री इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री प्रशासन राजीव सिंह का कहना है कि हमने फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों से बात की है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मांग संबंधित विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी.