भोपाल। तीन दिन से लगातार जारी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल में नए मोड़ आते जा रहे हैं. सरकार और डॉक्टर की लड़ाई अब आमने सामने की हो गई है. यहां तक कि हड़ताल समाप्त करने के लिए डॉक्टर्स के घर पुलिस पहुंच रही है और दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस सबके बीच हमीदिया अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. खासकर ब्लैक फंगस और कोविड-19 के मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है.
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इसके साथ ही रोजाना ओपीडी में आने वाले सामान्य मरीजों को भी दिक्कते हो रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि आयुष चिकित्सकों को जूनियर डॉक्टर्स की अनुपस्थिति में ड्यूटी पर लगाया गया है. लेकिन उनका अनुभव मरीजों के इलाज में काम नहीं आ पा रहा है. साथ ही ब्लैक फंगस और कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के लिए जीएमसी के डॉक्टर को ज्यादा मेहनत करना पड़ रही है. इसके चलते उनके इलाज में पूरी तरह ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. जिससे मरीज और उनके परिजनों को परेशानियां हो रही हैं.
एक सप्ताह बाद भी नहीं मिला बेड
जूनियर डॉक्टर की हड़ताल अब मरीजों के लिए आफत बनती जा रही है. लगातार मरीज इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं. हमीदिया अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि उन्हें भर्ती होने के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं है. डॉक्टर नहीं होने के कारण उनका इलाज शुरू ही नहीं हो पाया है. कुछ मरीज तो ऐसे हैं जो एक सप्ताह से इलाज के लिए भटक रहे हैं. गंज बासौदा से आए गोपाल सिंह ने, बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ आए हैं. उनके बेटे का इलाज करवाना है पिछले शनिवार से हमीदिया के परिसर में जमीन पर बिस्तर लगा कर सो रहे हैं. उनके बेटे के पेट में दर्द की शिकायत है. डॉक्टरों से पूछा इलाज कब शुरू होगा तो उन्हें यह कहकर टरका दिया जाता है कि अभी जांच नहीं हो पाएगी. भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा जबकि हकीकत यह है कि सामान्य बीमारियों को देखने वाले डॉक्टर हड़ताल पर डटे हुए ऐसे में मरीज और उनके परिजनों की परेशानियां बढ़ती जा रही है.
2 दिन में 1500 ओपीडी, 84 कोरोना मरीज भर्ती
हमीदिया में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है लेकिन मरीजों का आना कम नहीं हो रहा है. बुधवार की शाम तक हमीदिया में 755 मरीज आए थे. इससे पहले मंगलवार को 713 ओपीडी हुई है. पिछले 3 दिनों में 2000 के करीब ओपीडी हो चुकी हैं. अभी अस्पताल में 84 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है. बुधवार को तीन नए कोरोना मरीज भी भर्ती हुए हैं. 13 मरीजों के ऑपरेशन भी किए गए हैं.
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ब्लैक फंगस के 130 मरीज लेकिन 20 ने तोड़ा दम
बुधवार को ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की संख्या 130 पर पहुंच गई है. इनमें से 24 मरीज कोरोना संक्रमित है. म्यूकर यूनिट में भर्ती मरीजों की संख्या 126 है. सोमवार और मंगलवार की रात एक मरीज की मौत सर्जरी के दौरान हो गई थी. हमीदिया में अब ब्लैक फंगस से मरने वालों की संख्या 20 हो चुकी है.
आयुष चिकित्सकों की ली जा रही है मदद
डॉक्टर बताते हैं कि यहां कम से कम 8 से 10 मरीज ऐसे हैं. जिनकी हालत गंभीर है. ऐसी हालत में हम उनकी सर्जरी भी नहीं कर पा रहे हैं अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल के चलते ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने में दिक्कतें आ रही हैं. यहां रेजिडेंट डॉक्टर ना होने पर जीएमसी प्रबंधन द्वारा आयुष चिकित्सकों की मदद ली जा रही है. लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि उनका अनुभव इन गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए काम नहीं आ पा रहा है. क्योंकि जो स्टूडेंट यहां लंबे समय से काम कर रहे हैं, उन्हें इलाज से संबंधित सभी जानकारियां हैं उनकी गैर मौजूदगी में गंभीर मरीजों का इलाज और उनकी देखभाल मैं परेशानियां आ रही है.
86 आयुष चिकित्सक की ड्यूटी
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा पूरे भोपाल संभाग से 86 आयुष चिकित्सकों को बुलाया है. प्रशासन द्वारा संभाग के जिलों से आयुष और बीयूएमएस चिकित्सकों को हमीदिया अस्पताल में बुलाया गया है. जीएमसी के डीन डॉ. जितेन शुक्ला ने बताया कि पूरे संभाग से 8 जिलों में काम कर रहे आयुष डॉक्टर्स के साथ बीयूएमएस, बीएचएमएस, यूएमओ, एएमओ चिकित्सकों को बुलाया गया है जूनियर डॉक्टर की हड़ताल के चलते अब इन चिकित्सकों की ड्यूटी कोविड वार्ड और ब्लैक फंगस की म्यूकर यूनिट में लगाई गई है. इनकी मॉनिटरिंग के लिए सीनियर चिकित्सक रहेंगे, जो इन्हें रूटीन और ओपीडी कार्यों के लिए निर्देशित करेंगे. संभाग के सभी जिला कलेक्टर के आदेश पर सोमवार को यहां पहुंचे हैं.