भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा सदस्यों को टेक्नोलॉजी से लैस करने को लेकर सरकार के प्रयास ज्यादा सफल नहीं रहे हैं. लगभग 20% विधायक ऐसे हैं, जो डिजिटली स्ट्रांग नहीं है और ऐसे में सरकार अब ही पेपर लेस बजट पेश करने जा रही है. यानी अब सरकार डिजिटल बजट पेश करेगी. दरअसल सरकार का उद्देश डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने का है और इसके लिए सरकार मंत्री और विधायकों को टेबलेट और लैपटॉप खरीदने के लिए पैसा देगी.
विधानसभा सदस्यों को दी जा रही है ट्रेनिंग
दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते इस बार लोकसभा की तर्ज पर मध्य प्रदेश विधानसभा में भी बजट पेश होगा और अब हार्ड कॉपी की जगह विधानसभा सदस्यों को टेबलेट पर बजट पढ़ने की सुविधा होगी. इसको लेकर बकायदा विधानसभा सचिवालय विधायकों को ट्रेनिंग भी दे रहा है, साथ ही विधायकों को लैपटॉप खरीदने के लिए भी राशि सरकार की ओर से दी जा रही है, ताकि डिजिटल बजट से विधानसभा के सदस्य रूबरू रहें.
MP के 20% माननीय नहीं हैं डिजिटल फ्रेंडली जब बीजेपी विधायक रामपाल सिंह ने पूछा गया कि इस बार सरकार पेपरलैस बजट लेकर आ रही है तो उन्होंने कहा कि सभी विधायक जागरुक है और सभी को प्रशिक्षण देने का काम जारी है. ऐसे विधायकों को पार्टी ऑफिस की ओर से जानकारी दी जा रही है. रामपाल सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण को लेकर लगातार काम किया जा रहा है और अभी इंदौर में ऐसे प्रोगम आयोजित किए गए थे.
लेकिन विधायकों ने नहीं दिखाई रुचि
मध्यप्रदेश विधानसभा में वर्तमान में 230 विधायक हैं लेकिन करीब 20 प्रतिशत विधायकों ने ही विधानसभा में कंप्यूटर का प्रशिक्षण लिया है. इनमें से ज्यादातर विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने कभी कंप्यूटर का इस्तेमाल ही नहीं किया है. कई विधायकों का कहना है कि समय के अनुसार परिवर्तन जरूरी है और विधायकों को उसका प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि वह भी डिजिटल युग के साथ आगे चल सके.
पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार ऐसे विधायक को प्रशिक्षण दे रही है जो जिन्हें डिजीटल की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा इसके साथ ही सरकार का यह भी दायित्व है कि जो खर्चा हो रहा है, उसका लाभ सही मिले.
पिछले दो सत्रों से सचिवालय दे रहा है प्रशिक्षण
दरअसल पिछले दो सत्रों से विधायकों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने का काम सचिवालय कर रहा है. शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में ही विधानसभा में एक कंप्यूटर लैब बनाई गई थी, ताकि विधानसभा सदस्य कंप्यूटर का प्रशिक्षण ले सके और तकनीकी रूप से मजबूत हो सके. इसके लिए अब सरकार वकायदा पचास 50 हजार रुपए भी दे रही है ताकि मंत्री और विधायक टेबलेट और लैपटॉप खरीद सकें.
बीजेपी विधायक संजय पाठक ने बताया कि बड़ी मुश्किल से विधानसभा की कार्यवाही पटरी पर आई है और जिन विधायकों को डिजीटल की यदि जानकारी नहीं है तो उन्हें भी परिपक्क हो जाएंगे. इस मामले में चिकित्सक शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ये जमाना डिजिटल का है. हर स्तर से निश्चित रुप से तकनीक से जुड़ना चाहिए. उन्होने कहा कि मैं नहीं मानता हूं कि कोई एक्टिव नहीं है आज कल सभी लोग सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि जो जनता का प्रतिनिधित्व करता है वो सभी चीजों से जुड़ा रहता है.
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा पेश करेंगे डिजिटल बजट
लोकसभा की तर्ज पर मध्य प्रदेश विधानसभा में भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा डिजिटल बजट पेश करेंगे और इस बार बजट, कागज की किताब के बदले टेबलेट पर माननीय पढ़ सकेंगे. दरअसल सरकार हर सत्र के दौरान यह प्रयास करती है कि ज्यादा से ज्यादा डिजिटल का विधायक प्रशिक्षण ले, लेकिन पिछले कुछ सत्र कोरोना काल की भेंट चढ़ गए, तो कई बार जनप्रतिनिधियों ने रुचि ही नहीं दिखाई, लेकिन अब देखना यह होगा कि दो मार्च को पेश होने वाले डिजिटल बजट के दौरान यह विधायक किस तरह से बजट पढ़ पाते है.