भोपाल।कोरोना संक्रमण के बीच स्कूली छात्रों की पढ़ाई जारी रहे इसलिए प्रदेश सरकार ने हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान की शुरूआत की थी, इस अभियान के तहत शिक्षकों को छात्रों के घर-घर जाकर किताबें वितरण करने का कार्य दिया गया है. साथ ही छात्रों की घर पर ही कक्षा लगाने का कार्य भी शिक्षकों को सौंपा गया है. जैसे स्कूल में कक्षा लगती है ठीक वैसे ही घर पर थाली बजाकर कक्षा लगाते हैं. इस अभियान को आज एक माह से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन स्कूलों से किताबें कुछ ही बच्चों के घर तक पहुंच पाई हैं.
40 प्रतिशत छात्रों को ही मिली किताबें
विभाग के अनुसार एक माह में किताबें सभी छात्रों को उपलब्ध हो जाना चाहिए थीं, लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक 40 प्रतिशत छात्रों को भी किताबें नहीं मिल पाई हैं, क्योंकि शिक्षकों ने खुद अभियान का विरोध करना शुरू कर दिया है. उच्चतर माध्यमिक शाला सूरज नगर के प्राचार्य सुभाष सक्सेना ने इस योजना के विरोध में कहा कि शिक्षकों को पहले ही अन्य कार्यों में लगाया हुआ है. ऐसे में इस अभियान के तहत शिक्षकों को घर-घर जाकर छात्रों को किताबें वितरित करने से शिक्षक और छात्रों को संक्रमण फैलने का खतरा है. विभाग को इस योजना पर विचार करना चाहिए, यह योजना ज़मीनी स्तर पर कारगर साबित नहीं हो पाएगी.