भोपाल| बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम से बचाने के लिए प्रदेश सरकार बाल श्रम पंचायत का आयोजन करने जा रही है. इसी के तहत 'प्रदेश में बाल अधिकारों के व्यावसायिक सिद्धांतों विषयक' कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है. उनका कहना है कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में बाल श्रम एक विकराल समस्या बन चुका है. इसके समाधान के लिए बाल श्रम कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा . तभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बचाया जा सकता है.
भीख मांगने वाले बच्चों को बचाने के लिए कार्यशाला का आयोजन, प्रदेश सरकार जल्द बनाएगी बाल श्रम पंचायत
भोपाल में बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम से बचाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने किया.
महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि अगले महीने से बाल श्रमिकों के लिए बाल श्रम पंचायतों का आयोजन भी किया जाएगा. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश में पीथमपुर से की जाएगी. श्रम मंत्री ने कहा कि बाल श्रम का मूल कारण गरीबी और अशिक्षा है. इस समस्या के निदान के लिए सर्वप्रथम उन क्षेत्रों को चिन्हित करना होगा. जहां से बाल श्रमिक भारी तादात में आते हैं. ऐसे क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता पैदा करनी होगी. इन बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की भी आवश्यकता है .
कार्यक्रम के दौरान श्रम मंत्री ने सेव द चिल्ड्रन संस्था द्वारा प्रकाशित 'कपास के बच्चे' का विमोचन किया. इस अवसर पर गांधीवादी राजाजी एकता परिषद के अध्यक्ष रणसिंह और श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे .