भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह ने आज ही के दिन नर्मदा परिक्रमा पूरी की गई थी, दोनों ने साल 2018 में नर्मदा परिक्रमा शुरू की थी. परिक्रमा के दौरान दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह का आदिवासी समुदाय से गहरा लगाव भी हो गया था, यही वजह है कि, वो जब भी समय मिलता है उन लोगों से मिलने के लिए जरूर जाते हैं.
नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों को दिग्विजय ने किया साझा
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, आध्यात्म के वास्तविक स्वरूप की झांकियां सिर्फ नर्मदा पथ पर ही देखी जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि, हमने 6 माह में जो देखा, महसूस किया और जिया वो हमारे जीवन की अनमोल धरोहर है. तीन हजार किलोमीटर से अधिक की इस धर्म परिक्रमा में हम लगभग 300 परिक्रमावासी थे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि, नर्मदा पथ के कांटों और पत्थरों, जंगलों और झाड़ियों, कीचड़ और रेत, बारिश, सर्दी और गर्मी को हम कदापि बर्दाश्त नहीं कर पाते, यदि नर्मदा माता का आशीर्वाद हम सभी लोगों के साथ नहीं होता.