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विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर शिवराज सिंह ने बताए इससे बचने के उपाय

हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी समस्या है, जो संक्रमण के कारण लिवर कैंसर जैसी बीमारी के खतरे को बढ़ाता है. 28 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व हेपेटाइटिस दिवस का उद्देश्य है लोगों को हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक करना तथा इसके रोकथाम, निदान और उपचार को प्रोत्साहित करना. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बीमारी से बचने और इसके प्रति जागरुक रहने की अपील की है.

CM Shivraj Singh tweeted on World Hepatitis Day
विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर सीएम शिवराज सिंह ने किया ट्वीट

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Published : Jul 28, 2020, 2:08 PM IST

भोपाल। विश्वभर में हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को बताना और इस बिमारी के बारे में लोगों को जागरुक करना है, रोकथाम, इस बिमारी से निजात पाना है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर लोगों से इस जानलेवा बीमारी से बचने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया है कि 'हेपेटाइटिस एक जानलेवा रोग है', लेकिन सही समय पर परीक्षण और उपचार से अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सकता है. आइये, जागृति की ज्योत जलायें और वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के महान उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोगी बनें. स्वयं जागरुक रहें और दूसरों को जागरुक कर मानव धर्म निभायें.

हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. हेपेटाइटिस से लिवर में सूजन होता है, जो लिवर कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है. हर साल की तरह इस साल भी हेपेटाइटिस से जागरूकता के लिए थीम तैयार किया गया है, 'हेपेटाइटिस-मुक्त भविष्य' है, जिसमें माताओं और नवजात शिशुओं के बीच हेपेटाइटिस बी को रोकने पर जोर दिया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के बाद दूसरा सबसे बड़ा संक्रामक रोग हेपेटाइटिस है. 325 मिलियन से अधिक लोग हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के साथ जीते हैं. 28 जुलाई को, डब्ल्यूएचओ वायरस के मातृ से बच्चे के संचरण की रोकथाम पर नई सिफारिशें प्रकाशित करेगा. सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन के उपयोग से नवजात शिशुओं में एचबीवी को रोका जा सकता है.

हेपेटाइटिस क्या है?

हेपेटाइटिस लिवर की सूजन है, जो स्वास्थ्य समस्याओं की एक श्रृंखला का कारण बन सकती है और घातक हो सकती है. हेपेटाइटिस वायरस के पांच प्रकार हैं, जिन्हें ए, बी, सी, डी और ई के रूप में जाना जाता है, जबकि वे सभी लिवर की बीमारी का कारण बनते हैं. ये सभी वायरस अलग होते हैं, जिनमें संचरण के तरीके, बीमारी की गंभीरता, भौगोलिक वितरण और रोकथाम शामिल हैं. विशेष रूप से हेपेटाइटिस बी और सी सैकड़ों लाखों लोगों में पुरानी बीमारी का कारण बनते हैं और एक साथ लिवर सिरोसिस, कैंसर और वायरल हेपेटाइटिस से संबंधित मौतों का सबसे आम कारण हैं.

उद्देश्य

इसका उद्देश्य हेपेटाइटिस के बारे में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाना हैं. विशेष रूप से, 28 जुलाई को नोबेल पुरस्कार विजेता बारूक सैमुअल ब्लमबर्ग के जन्मदिन पर उनको सम्मानित करने के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में चुना गया था, जिन्होंने हेपेटाइटिस बी के वायरस की खोज की थी.

हेपेटाइटिस बी और सी मौतों का सबसे आम कारण है, हर साल 1.4 मिलियन लोगों की जान गई हैं. कोरोना वायरस महामारी के बीच, वायरल हेपेटाइटिस हर दिन हजारों लोगों के जीवन का दावा करता है.

• 325 मिलियन लोग वायरल हेपेटाइटिस बी और सी के साथ जी रहे हैं.

• हेपेटाइटिस बी वायरस के संक्रमण के कारण हर साल 9 लाख मौतें होती हैं.

• हेपेटाइटिस बी के साथ रहने वाले 10 प्रतिशत और हेपेटाइटिस सी के साथ रहने वाले 19 प्रतिशत लोग अपने हेपेटाइटिस की स्थिति जानते हैं.

• विश्वभर में 42 प्रतिशत बच्चों के लिए हेपेटाइटिस बी के टीके की जन्म की खुराक की सुविधा है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस का महत्व

  • विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का महत्व इस प्रकार है:
  • इस मुद्दे पर एक साथ ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को शामिल करना हैं.
  • हेपेटाइटिस के विभिन्न प्रकार और यह कैसे प्रसारित होता है, इसके बारे में जागरूकता फैलाना हैं.
  • हेपेटाइटिस की रोकथाम, निदान और नियंत्रण उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करना हैं.
  • हेपेटाइटिस ए और बी के लिए टीकों के बारे में जागरूकता फैलाना हैं.
  • बीमारी से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करना है.
  • इस बीमारी का जल्द से जल्द परीक्षण करवाना है.
  • हेपेटाइटिस पीड़ितों की देखभाल और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाना हैं.
  • गुणवत्ता उपचार में सुधार के लिए चिकित्सा पेशेवरों की संख्या में वृद्धि करना हैं.
  • पेशेवर कर्मचारियों के सदस्यों को बढ़ावा देने के लिए ताकि वे इस कार्यक्रम में भाग ले सकें.

हेपेटाइटिस-मुक्त भविष्य एक सामूहिक प्रयास है, जिसे साथ मिलकर प्राप्त किया जा सकता है. विश्‍व स्वास्थ्‍य संगठन 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरे के रूप में वायरल हेपेटाइटिस को खत्म करने के लिए सभी देशों को एक साथ काम करने के लिए आह्वान कर रहा है.

  • नवजात शिशुओं में पूर्व संक्रमण: जन्म के समय सभी नवजात शिशुओं को हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए टीका लगाया जाना चाहिए, वो भी 2 अतिरिक्त खुराक के साथ.
  • मातृ से बच्चे में संचरण: सभी गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और सिफिलिस के लिए परीक्षण किया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो उपचार कराना चाहिए.
  • हर व्यक्ति को इसका लाभ मिलें: हर व्यक्ति को हेपेटाइटिस की रोकथाम, परीक्षण और उपचार सेवाओं तक पहुंच होनी चाहिए, जिसमें ड्रग्स का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, जेलों में रहने वाले लोग, प्रवासी और अन्य अत्यधिक प्रभावित आबादी शामिल हैं.
  • परीक्षण और उपचार तक पहुंच का विस्तार: वायरल हेपेटाइटिस के समय पर परीक्षण और उपचार से लीवर कैंसर और अन्य गंभीर लीवर की बीमारियों को रोका जा सकता है.
  • कोरोना वायरस के दौरान मुख्य हेपेटाइटिस सेवाएं उपलब्ध: हेपेटाइटिस के लिए रोकथाम और देखभाल सेवाएं जैसे कि शिशु टीकाकरण, नुकसान में कमी सेवाओं और महामारी के दौरान क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के निरंतर उपचार भी आवश्यक हैं.

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