भोपाल। केंद्र सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यों की रैंकिंग जारी की है. जिसमें मध्यप्रदेश को सुशासन के मामले में पहला स्थान मिला है. जिसको लेकर अब सियासत शुरु हो गई है. कांग्रेस जहां इसे कमलनाथ सरकार की उपलब्धि बता रही है, वहीं बीजेपी ने इसे भाजपा के 15 साल में बने सुशासन के माहौल की उपलब्धि बताया है.
सुशासन में नंबर वन बनने के बाद एमपी में श्रेय लेने की होड़
कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक के जंगलराज के बाद जब पिछले साल कमलनाथ सरकार बनीं. तब से ही उसका पहला लक्ष्य सुशासन आधारित विकास था. जो केवल एक साल में ही प्रमाणित हो गया है.
उन्होंने कहा कि चाहे वो मिलावटखोरों के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की हो, भू माफियाओं और खनन माफियाओं सहित सभी तरह के माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई की बात हो. कमलनाथ सरकार की सख्त और निष्पक्ष कार्यशैली से जनता ने राहत की सांस ली है. भाजपा समय-समय पर भ्रांतियां फैलाती रही, बावजूद इसके कमलनाथ सरकार सुशासन और विकास के अपने सकारात्मक एजेंडे पर काम कर रही है और इसी कारण प्रदेश की जनता के मन में ये विश्वास पैदा हुआ है.
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के प्रवक्ता राजो मालवीय ने कहा कि ये रैंकिंग पिछले 15 साल में भाजपा सरकार के परिश्रम का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जब हमें विरासत में अफरा-तफरी वाला प्रदेश मिला था. जहां सड़क, पानी और बिजली नहीं था. उन्होंने कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में अफरा तफरी फैलाई, तबादला उद्योग चलाया और वचन पत्र पर प्रवचन दिए. इसके अलावा कुछ नहीं किया.