भोपाल। गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया को पार्टी में शामिल कराने को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. इसको लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी दो फाड़ हो चुकी है और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चुप्पी साधे हुए हैं.
गोडसे के पुजारी को पार्टी में लेने वाले सब गोड़से समर्थक हैं. इससे सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस गांधी का उपयोग सिर्फ फोटो और नोटो के लिए करती है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि गोड़से का पुतला दहन करने वाले भी गोडसे के समर्थक हो गए हैं.
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अरूण यादव ने किया है विरोध
पिछले दिनों मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में हिंदू महासभा के टिकट से ग्वालियर पार्षद रहे गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस का दामन थामने के बाद से ही अरूण यादव नाराज हैं. उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया है.
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अब पार्टी दो धड़ों में बंटी दिखाई दे रही है. हालांकि बीजेपी नेताओं द्वारा गांधी और गोडसे को लेकर सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने पलटवार किया है. उन्होंने टवीट कर लिखा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पूछ रहे हैं कि गांधी का कांग्रेस से क्या रिश्ता है. जरा बता दीजिए हर संघी और भाजपाई के घर प्रतिबंधित पुस्तक क्यों पाई जाती है.
बाबूलाल चौरसिया की सफाई
कांग्रेस ज्वाइन करने के साथ ही बाबूलाल चौरसिया ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, उन्हें अंधेरे में रखकर गोडसे की पूजा करवाई गई थी. उन्होनें कहा कि, वे तो जन्मजात कांग्रेसी हैं. पिछले दो तीन साल से मैं इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा था. मेरे मन में हिन्दू महासभा की विचारधारा समाहित नहीं हो सकी.
टिकट नहीं मिलने पर हिंदू महासभा में हुए थे शामिल
ग्वालियर वार्ड 44 से बाबूलाल चौरसिया पहले कांग्रेस के टिकट पर पार्षद रह चुके हैं. साल 2015 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला था, इसलिए उन्होंने हिंदू महासभा ज्वाइन कर ली थी. हिंदू महासभा से पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की थी. बाबूलाल ने दबंग छवि वाले शम्मी शर्मा को 1100 वोटों से हराया था. बाबूलाल चौरसिया हिंदू महासभा के एक मात्र पूर्व पार्षद हैं.