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भोपालः एमवीएम कॉलेज ने एमएसएमई के साथ किया एमओयू

भोपाल के एमवीएम कॉलेज ने भारत सरकार के एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर से एमओयू किया है. इसका उद्देश्य छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ प्रायोगिक ज्ञान देना है.

MVM College
एमवीएम कॉलेज

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Published : Dec 28, 2020, 8:04 PM IST

भोपाल। राजधानी के एमवीएम कॉलेज में अब छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ प्रायोगिक ज्ञान भी दिया जाएगा. इसके लिए महाविद्यालय ने भारत सरकार के एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर से एमओयू किया है. जिसके तहत अब एमएसएमई कॉलेज परिसर में ही अपना सेंटर खोलेगा. सेंटर के लिए जगह कॉलेज की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही करार में कॉलेज के कुछ छात्रों को निशुल्क प्रशिक्षण देने की भी बात तय की गई है. महाविद्यालय के प्राचार्य महेंद्र सिसोदिया ने बताया कि इस एमओयू के बाद महाविद्यालय के छात्रों को रोजगार मिलेगा और वे किताबी ज्ञान के साथ ही प्रायोगिक ज्ञान भी ले सकेंगे.

एमओयू हुआ साइन

मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय ने एमएसएमई के साथ एमओयू साइन किया है.जिसके तहत अब एमएसएमई कॉलेज परिसर में ही अपना सेंटर खोलेगा.सेंटर के लिए जगह कॉलेज की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही करार में कॉलेज के कुछ छात्रों को निशुल्क प्रशिक्षण देने की भी बात एमओयू के दौरान की गई है.

छात्रों को मिलेगा निशुल्क प्रशिक्षण

एमएसएमई सेंटर के डीजीएम ने बताया कि हमारा उद्देश्य है युवाओं को रोजगार से जोड़ना आजकल ज्यादातर बच्चों में कंपनियां अनुभव भी चाहती हैं.यही वजह है कि कॉलेज से डिग्री प्राप्त करने के बावजूद भी छात्रों को अच्छा प्लेसमेंट नहीं मिल पाता.क्योंकि छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा प्रायोगिक ज्ञान नहीं होता. प्रायोगिक ज्ञान आज के दौर में बेहद जरूरी है. ऐसे में मोतीलाल महाविज्ञान के साथ यह एमओयू करने का यही उद्देश्य है कि छात्र जब डिग्री लेकर कॉलेज से निकलें तो उसके पास प्रैक्टिकल नॉलेज भी हो. वह किसी भी कंपनी में जाएं तो उसे अच्छी नौकरी मिल सके.

छात्रों को रोजगार से जोड़ा जायगा

एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर के डीजीएम का कहना है कि छात्रों के पास प्रेशर होने के साथ उनके पास अनुभव भी होना जरूरी है. हम बच्चों को इसके लिए तैयार करते हैं. ताकि जब छात्र प्लेसमेंट में कंपनियों के सामने जाए. उनसे पूछा जाए तो वह बता सके कि उनके पास डिग्री के साथ-साथ किस सेक्टर में अनुभव है. उन्होंने बताया यह हमारा जॉइंट कॉर्पोरेशन वर्क है. क्योंकि दोनों सरकारी संस्थाएं हैं. तो एक दूसरे के अनुभव का लाभ भी लेंगे वही महाविद्यालय के प्राचार्य का कहना है कि हमारे स्टाफ की मेहनत के बलबूते पर हम यहां तक आए हैं. पूरी उम्मीद है कि बच्चों का भविष्य हम बेहतर बनाएंगे.

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