भोपाल। मप्र में खराब सड़कों पर संग्राम मचा हुआ है, सरकार को लगता है कि सड़कें नहीं सुधारी तो यह चुनाव का बड़ा मुद्दा बन सकता है. विपक्ष भी जनहित से जुड़े इस मुद्दे का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. प्रदेश के दूसरे शहर ही नहीं राजधानी भोपाल में भी सड़कों की स्थिति खराब है. बारिश के चलते राज्यमार्ग, मुख्य जिला मार्ग व अन्य मार्ग खराब हैं. कई सड़कों पर बने पुल भी क्षतिग्रस्त हैं. ऐसे में सड़क सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा न बने इसे देखते हुए सरकार एक्शन में आ गई है. प्रदेश के सांसद, विधायकों के प्रस्तावों के मुताबिक करीब 9 हजार किलोमीटर सड़कें ठीक किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसके लिए सरकार 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करेगी.
2023 में होंगे कई बड़े आयोजन: अगले साल प्रदेश में कई बड़े आयोजन होने हैं. इन कार्यक्रमों में प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, जी-20 की बैठक, नेशनल यूथ गेम्स भी शामिल हैं. प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में प्रदेश की सड़कों की दुर्दशा को देखते हुए विभाग सड़कें दुरुस्त करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसके लिए लोकनिर्माण विभाग ने आठ महीने का समय लिया है.
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बारिश से खुली सड़कों की गुणवत्ता की पोल:इस बार भारी बारिश के चलते प्रदेश में चार हजार किमी सड़कें खराब हो गई हैं. 9 हजार किमी से ऊपर की सड़कों का नवीनीकरण किया जाना है. साधारण मरम्मत के लिए सरकार ने पीडब्ल्यूडी को अनुपूरक बजट में चार सौ करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन इससे पूरा काम नहीं हो सकता है. इसे देखते हुए विभाग ने नई नवीनीकरण योजना तैयार की है. इसमें सरकार से दो किस्तों में 1130 करोड़ रुपये मांगे गए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है.