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reality check: MP में लगने थे 190 ऑक्सीजन प्लांट, 3 महीने बाद लग सके 88 जिनमें से सिर्फ 18 से ही चालू

कोरोना की तीसरी लहर प्रदेश में दस्तक दे रही है, डेंगू, टायफाइड और वायरल फीवर के साथ स्क्रब फाइवस बीमारी के भी मामले सामने आए हैं. इस सब के बीच मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल है. प्रदेश सरकार जनता को मिलने वाली मेडिकल सुविधाओं को लेकर कितनी गंभीर है. ईटीवी भारत ने जानी ग्राउड रिपोर्ट

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MP में लगने थे 190 ऑक्सीजन प्लांट, 3 महीने बाद लग सके 88

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Published : Sep 9, 2021, 8:43 PM IST

भोपाल।कोरोना की तीसरी लहर प्रदेश में दस्तक दे रही है, डेंगू, टायफाइड और वायरल फीवर के साथ स्क्रब फाइवस बीमारी के भी मामले सामने आए हैं. इस सब के बीच मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल है. प्रदेश सरकार जनता को मिलने वाली मेडिकल सुविधाओं को लेकर कितनी गंभीर है. आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी और इसके अभाव में प्रदेश सरकार ने 190 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था इनमें से अबतक 88 ही लग पाए हैं जबकि मात्र 18 प्लांट चालू हैं. ईटीवी भारत ने इन प्लांट्स को लेकर एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है.

MP में लगने थे 190 ऑक्सीजन प्लांट, 3 महीने बाद लग सके 88

कहां लगे, कितने प्लांट

प्रदेश सरकार ने 190 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था. जिसमें से अभी तक 88 ही लग पाए हैं जबकि मात्र 18 प्लांट ही चालू हो पाए हैं. इनमें से 12 प्लांट ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री रिलीफ फंड से तैयार हुए हैं. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री और स्टेट के फंड से जो भी प्लांट लगाए गए हैं वे अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं. इस सच्चाई को जानकर यही कहा जा सकता है कि कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग भले ही लाख दावे करे,लेकिन हकीकत ये है कि 3 महीने में अब तक सिर्फ 88 प्लांट ही पूरी तरह तैयार हो सके हैं. 102 प्लांट्स ऐसे हैं जिनका काम खत्म होने की डेडलाइन इस महीने के आखिर तक है.

प्रदेश भर में विधायकों, सांसदों की निधि के अलावा स्थानीय स्तर पर जनसहयोग से जुटाई गई राशि से 23 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. इनमें से 18 पीएसए प्लांट का काम पूरा हो चुका है. 4 प्लांट का काम इस महीने तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा 44 अन्य संयंत्रों पर कार्य प्रगति पर है.

MP में लगने थे 190 ऑक्सीजन प्लांट, 3 महीने बाद लग सके 88

किस फंड से लगे कितने प्लांट
- चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड से 6 प्लांट लग चुके हैं. हाल ही में 1 प्लांट और डिलीवर हुआ है जबकि 6 प्रोसेस में हैं इन प्लांट्स की कुल संख्या 13 है.

- इसी तरह पीडब्ल्यूडी के द्वारा 4 प्लांट लगाए जाने हैं.
- पीएम केयर फंड से 30 ऑक्सीजन प्लांट्स लग चुके हैं. इनमें से 12 का इंस्टॉलेशन हो चुका है. 37 डिलेवर, 9 प्रोसेस में हैं कुल 88 प्लांट लगाए गए हैं.

- रेलवे और कोल इंडिया के माध्यम से 12 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं, 2 का इंस्टॉलेशन हो चुका है, एक की डिलीवरी हो चुकी है और 11 प्रोसेस में है. ऐसे कुल 26 प्लांट लगाए जाने हैं.
- सामाजिक सहयोग और कारपोरेट सेक्टर द्वारा 17 प्लांट लग चुके हैं, इनमें से 3 का इंस्टॉलेशन हो चुका है और 1 प्लांट डिलिवर हो चुका है. जबकि तुल 36 प्लांट में से 15 प्रोसेस में हैं.

- एमएलए और एमपी फंड से 19 प्लांट लग चुके हैं 1 का इंस्टॉलेशन हो चुका है और 3 प्रोसेस में हैं ऐसे कुल 23 प्लांट लगने हैं.

MP में लगने थे 190 ऑक्सीजन प्लांट, 3 महीने बाद लग सके 88
MP में लगने थे 190 ऑक्सीजन प्लांट, 3 महीने बाद लग सके 88

यहां चालू हुए ऑक्सीजन प्लांट्स
केंद्र सरकार ने प्रदेश के आठ जिला अस्पतालों खंडवा, शिवपुरी, सिवनी, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर और मुरैना में लगभग छह माह पहले आक्सीजन प्लांट्स लगाने की परमीशन दी थी. इनमें से खंडवा, शिवपुरी, उज्जैन और सिवनी में प्लांट शुरू हो चुके हैं. जबलपुर प्लांट का काम पूरा हो गया है, रतलाम, मंदसौर और मुरैना की भी यही स्थिति हैं लेकिन अभी तक ये प्लांट डिलीवर नहीं हुए हैं. इसके अलावा सागर, सीहोर, विदिशा, गुना, सतना, रायसेन, बालाघाट, खरगोन, कटनी, बड़वानी, नरसिंहपुर, बैतूल और भोपाल के काटजू अस्पताल में चार सौ से छह सौ लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के प्लांट लगाए जाने हैं. सरकार ने इन सभी प्लांट्स को शुरू करने के लिए सितंबर अंत तक डेडलाइन रखी है, लेकिन प्लांट्स शुरू होने को लेकर उम्मीद कम है. तीन महीने पूरे हो चुके हैं जबकि अभी सिर्फ 18 प्लांट से ही ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, बावजूद इसके प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री यह दावा करते हैं कि-

प्रदेश में दूसरी लहर में जिस तरह से ऑक्सीजन की कमी आई थी उसके बाद से लगातार और सीजन के लिए प्लांट लगाए जा रहे हैं आने वाले दिनों में प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी.

विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मप्र

सागर -1 चालू 1 को बिजली का इंतजार

सागर में जिला चिकित्सालय और खुरई सिविल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था. जिला चिकित्सालय में 80 लाख की लागत से 1000 एलपीएम ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला प्लांट तो लग गया है,लेकिन प्लांट को बिजली सप्लाई देने के लिए ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं लगाया गया है. खुरई सिविल अस्पताल में 60 लाख की लागत से 500 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुका है. खास बात ये हैं कि सागर संभाग के सभी 6 जिलों के मरीजों का भार झेलने वाले बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लगाया गया है यहां केवल ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट लगाए गए हैं जिनमें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मौजूदा जरूरत की 26 गुना ऑक्सीजन स्टोर करने की व्यवस्था की गई है.

शहडोल- 1 प्लांट डिलीवर होना है 1 सिर्फ शेड तैयार

शहडोल जिला अस्पताल के लिए भी ऑक्सीजन के दो प्लांट स्वीकृत हुए थे, जिसमें से एक प्लांट 1 हज़ार एलपीएम का डीआरडीओ और पीएम केयर फण्ड के माध्यम से तैयार हुआ है वह इंस्टाल हो चुका है, टेस्टिंग हो चुकी है अभी ऑक्सीजन के प्यूरिटी की चैकिंग चल रही है. दूसरा प्लांट जो 570 एलपीएम का उसका अभी सिर्फ शेड तैयार हुआ है. दूसरा प्लांट राज्य सरकार की तरफ से लगाया जाना है.


जबलपुर- 1 प्लांट चालू, दूसरा अगले हफ्ते तक चालू हो सकता है

जबलपुर गवर्मेंट हॉस्पिटल में 3 प्लांट लगाए जाने हैं. इनमें से 1000 एलपीएम लीटर कैपेसिटी के दो ऑक्सीजन प्लांट संकट की स्थिति में हैं. तीसरा प्लांट तहसील सिहोरा के सरकारी अस्पताल में 500 लीटर का लगाया गया है. 500 लीटर का एक ऑक्सीजन प्लांट कोरोनावायरस के 50 से 60 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है. इस तरीके से जबलपुर के जिला अस्पताल में लगभग डेढ़ सौ मरीजों की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन प्लांट लगा दिया गया है. एक 500 लीटर का प्लांट चालू हो गया है और दूसरा 1 सप्ताह में चालू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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